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‘देवी’ बसों में करोड़ों के घोटाला का आरोप, सौरभ भारद्वाज ने की सीबीआई जाँच की माँग


Delhi News: आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार (मई) को दिल्ली की सड़कों पर उतारी गई ‘देवी’ बसों के संचालन में हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.  आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज का कहना है कि इनके संचालन में करोड़ों रुपये का घोटाला हो सकता है और इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह बसें आप सरकार में अक्टूबर 2024 में ही दिल्ली आ गई थीं. इनका उद्घाटन और ट्रायल भी शुरू कर दिया था, लेकिन 50 फीसद ‘मेक इन इंडिया’ के कंपोनेंट होने की शर्तों का पालन नहीं करने पर इन बसों को सड़क पर नहीं उतारा गया. अब उन्हीं बसों को छह महीने बाद बीजेपी सरकार सड़क पर उतार कर क्रेडिट ले रही है. बीजेपी को बताना चाहिए कि अगर ये बसें शर्तें पूरी नहीं कर रही थीं तो इनको सड़क पर कैसे उतार दिया गया?

‘बसों का दोबारा उद्घाटन कर पैसे की बर्बादी की गई’
शनिवार (3 मई) को बीजेपी की दिल्ली सरकार उन 400 मोहल्ला बसों का उद्घाटन किया, जिसपर सौरभ भारद्वाज का कहना है कि इन बसों का उद्घाटन और ट्रायल आम आदमी पार्टी की सरकार में अक्टूबर 2024 में ही शुरू हो गया था. आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा 9 मीटर की मोहल्ला बसें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी और अक्टूबर में सभी इलेक्ट्रिक मोहल्ला बसें दिल्ली में मौजूद थीं. पूरी दिल्ली में उन मोहल्ला बसों के आने की वीडियो देखी थी और उनका ट्रायल चल रहा था.

‘2015 से जीपीएस युक्त वाटर टैंकरों का भी दोबारा उद्घाटन’
सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी पर सवाल खड़ा किया है कि जो मोहल्ला बसें पहले से ही दिल्ली में मौजूद थीं और उनको ट्रायल चल रहा था, तो उन्हीं बसों का दोबारा उद्घाटन करके पैसा क्यों बर्बाद किया गया?. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी की तरफ से बीजेपी दिल्ली सरकार पर यह भी आरोप है कि वाटर टैंकरों में जीपीएस पहले से मौजूद था और बीजेपी की सरकार ने दिल्ली में आने के बाद दोबारा उन्हें टैंकरो का उद्घाटन किया है.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मोहल्ला बसों का ‘देवी’ नाम से दोबारा उद्घाटन ठीक उसी तरह से किया गया जैसे जीपीएस युक्त वाटर टैंकर का दोबारा उद्घाटन किया गया था. हर साल दिल्ली में करीब 1 हजार वाटर टैंकर इस्तेमाल होते हैं और 2015 से सभी टैंकरों में जीपीएस लगे हुए हैं. दिल्ली के लोग 2015 से वाटर टैंकरों को अपने मोबाइल पर ट्रैक कर सकते हैं. टैंकर नंबर डालने के बाद टैंकर की लोकेशन पता चल जाएगी. इसके बाद भी बीजेपी की सरकार ने लाखों रुपये बर्बाद करके दोबारा जीपीएस युक्त टैंकरों का उद्घाटन किया.

‘बसों को केंद्र सरकार की कंपनी ने खरीदा, लेकिन पूरा पैसा दिल्ली सरकार ने दिया’
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सारा भारद्वाज का बीजेपी सरकार पर आरोप है कि जिन बच्चों का उद्घाटन बीजेपी द्वारा किया गया है उनका केंद्र सरकार की कंपनी ने खरीदा लेकिन पूरा पैसा इसका दिल्ली सरकार ने दिया है उन्होंने कहा बसों को खरीदने का टेंडर केंद्र सरकार की कंपनी कंवर्जन एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) करती थी. केंद्र सरकार की कंपनी ने सीईएसएल ने मोहल्ला बसों की खरीद का टैंडर किया और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने पूरा पैसा दिया. 

भारद्वाज के मुताबिक सरकार की कंपनी को पैसा इसलिए दिया गया, ताकि भविष्य में खरीद में गड़बड़ी का कोई आरोप न लगे. क्योंकि जब भी बसों को खरीदने की बात होती है, बीजेपी उसमें भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर जांच की मांग करती है. केंद्र सरकार की कंपनी बसों को खरीदेगी तो बीजेपी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाएगी.

‘इस कारण इन बसों को सड़क पर नहीं उतरा गया था’
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब मोहल्ला बसें दिल्ली में आ गईं तब यह पता चला कि वेंडर ने बसों की खरीद में टेंडर की शर्तों का उल्लंघन किया है. यह वजह बताते हुए आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि वेंडर ने उन शर्तों का उल्लंघन किया था, जिसका पालन करना बेहद जरूरी था. शर्त यह थी कि केंद्र सरकार की बिजली मंत्रालय के अंदर सीईएसएल आता है और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने आदेश निकाला कि बसों की खरीद में ‘मेक इन इंडिया’ का पालन होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जब इन बसों को केंद्र सरकार की कंपनी सीईएसएल द्वारा खरीदा गया तब पता चला कि ‘मेक इन इंडिया’ की शर्तों का पालन नहीं किया गया है. वेंडर इन बसों के लिए यह सर्टिफिकेट नहीं दे पा रहा था कि इसमें 50 फीसद कंपोनेंट ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए आए हैं. जबकि टेंडर की शर्तों में कहा गया था कि ‘मेक इन इंडिया’ होना चाहिए. चूंकि इन बसों में ‘मेक इन इंडिया’ का न कंपोनेंट मिल रहा था और ना ही वेंडर इसका सर्टिफिकेट दे पा रहा था. इसलिए यह सारी बसें डिपों में खड़ी थीं. आम आदमी पार्टी इन्हीं बसों के उद्घाटन को लेकर सवाल खड़ा कर रही है.

सौरभ भारद्वाज के मुताबिक यह बसों अक्टूबर 2024 में ‘मेक इन इंडिया’ की शर्तों को पूरा नहीं कर रही थीं तो क्या वह अप्रैल 2025 में कर सकती हैं? क्या अप्रैल में इन बसों के पूर्जे बदले गए हैं? क्या यह सारी बसें वापस भेज दी गई थीं और क्या इसके अंदर अलग से ‘मेक इन इंडिया’ के कंपोनेंट बदल दिए गए और शर्तें पूरी हो गईं? दिल्ली सरकार से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि अगर ‘मेक इन इंडिया’ की शर्तों का पालन नहीं हुआ, फिर बीजेपी की दिल्ली सरकार ने टेंडर की शर्तों का उल्लंघन करके कैसे इन बसों को सड़कों पर उतार दिया.

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