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अब मुख्यमंत्री बनने का टाइम मेरा…’, खड़गे से बोले शिवकुमार! कर्नाटक CM पर कल फैसला संभव – Now its my time to become Chief Minister of karnataka dk Shivkumar told Kharge ntc


चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद भी कर्नाटक के सीएम पर अभी तक आखिरी मुहर नहीं लग पाई है. कांग्रेस आलाकमान अब बुधवार को इस मुद्दे पर फिर से बैठक करेगा और उस के बाद सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने मंगलवार को भी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ बैठक की. माना जा रहा था कि इस बैठक के बाद सीएम के नाम पर सहमति बन जाएगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके बाद खड़गे बुधवार को 11 बजे एक बार फिर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार से मुलाकात करेंगे.

मंगलवार को हुई बैठक से कुछ बातें निकलकर सामने आईं. सूत्रों की मानें तो डीके शिवकुमार ने बैठक में खड़गे को बताया कि सिद्धारमैया का पुराना कार्यकाल कुशासन के साथ था. उस वक्त लिंगायत समुदाय सिद्धारमैया के खिलाफ था. वो एक बार पहले भी सीएम रह चुके हैं तो फिर इन्हें एक और मौका क्यों चाहिए? इसके अलावा डीके शिवकुमार ने 2019 में JDS से गठबंधन टूटने का कारण भी सिद्धारमैया को ही बताया. 

‘यह मेरे सीएम बनने का टाइम’

अब मुख्यमंत्री बनने का टाइम मेरा…’, खड़गे से बोले शिवकुमार! कर्नाटक CM पर कल फैसला संभव – Now its my time to become Chief Minister of karnataka dk Shivkumar told Kharge ntc
डीके शिवकुमार ने खड़गे से की मुलाकात

डीके शिवकुमार ने इस दौरान यह भी कहा कि, यह मेरा मुख्यमंत्री बनने का समय है और आलाकमान को मुझे समायोजित करना चाहिए. मैंने 2019 के पतन से पार्टी का पुनर्निर्माण किया और अब हमें जीत मिली. 

जल्दबाजी में फैसला नहीं करना चाहते खड़गे

हालांकि कुछ अन्य पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल, सोनिया दोनों कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री को चुनने के मल्लिकार्जुन खड़गे के फैसले का पालन करेंगे. यह भी कहा जा रहा है कि इस फैसले में कुछ दिन और देरी हो सकती है. कांग्रेस इसके लिए इंतजार करने को भी तैयार है. किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले खड़गे कर्नाटक के नेताओं से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि कांग्रेस सीएम के नाम का ऐलान किसी जल्दबाजी में नहीं करना चाहती. किसी को भी सीएम की कुर्सी देने से पहले मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात करेंगे. वह कई नेताओं से चर्चा करेंगे और राय लेंगे. 

यह भी पढ़ें: सिद्धारमैया और डीके श‍िवकुमार… कर्नाटक CM की रेस में शामिल दो नामों में कौन कितना पढ़ा-लिखा

सिद्धारमैया के पक्ष में राहुल गांधी

सिद्धारमैया को मिल रहा समर्थन
सिद्धारमैया को मिल रहा समर्थन

बताते चलें कि इन दोनों नेताओं को चुनने को लेकर पार्टी के टॉप लीडर्स के मत भी अलग-अलग हैं. सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल ने सिद्धारमैया का समर्थन किया है. तो वहीं पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे किसी भी एक निर्णय पर नहीं पहुंचे हैं. वो सभी नेताओं से बात करके ही किसी एक का नाम तय करेंगे. 

वहीं डीके शिवकुमार के साथ सोनिया गांधी के अच्छे संबंध हैं. तो अधिकांश विधायक सिद्धारमैया के साथ माने जा रहे हैं. इसके अलावा रणदीप सुरजेवाला भी दोनों ही नेताओं को लेकर न्यूट्रल हैं. 

सिद्धारमैया के साथ कुरुबा संघ

बताते चलें कि कर्नाटक प्रदेश कुरुबा संघ ने सिद्धारमैया को सीएम बनाने की मांग की है. कुरबा संघ का कहना है कि वह सभी पिछड़े वर्ग के लोगों की सहायता और उत्थान कर सकते हैं. संस्था ने यह भी कहा कि उन्होंने सिर्फ सिद्धारमैया के नेतृत्व के लिए कांग्रेस को वोट दिया है. हालांकि कुरबा संघ ने डीके शिवकुमार के प्रयासों की भी मेहनत की है. सिद्धारमैया भी कुरुबा समुदाय से हैं

सीएम पद के तीसरे दावेदार

इन दोनों के अलावा कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जी परमेश्वर ने भी खुद को सीएम बनाने की मांग कर दी है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि अगर पार्टी आलाकमान ने उनसे सरकार चलाने को कहा तो वह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं. पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, आलाकमान पार्टी के लिए उनकी सेवा के बारे में जानता है और वह पद के लिए पैरवी करने की आवश्यकता महसूस नहीं करते हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके परेश्वर ने कहा, ‘अगर आलाकमान फैसला करता है और मुझे सरकार चलाने के लिए कहता है, तो मैं जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे पार्टी आलाकमान पर भरोसा है. मेरे कुछ सिद्धांत हैं. मैं लगभग 50 विधायक भी ले सकता हूं और नारेबाजी कर सकता हूं, लेकिन मेरे लिए पार्टी का अनुशासन महत्वपूर्ण है. मैंने कहा है कि अगर आलाकमान मुझे जिम्मेदारी देगा, तो मैं इसे लूंगा. मैंने यह नहीं कहा कि मैं नहीं करूंगा.’

परेश्वर ने कहा, आलाकमान जानता है कि मैंने पार्टी के लिए काम किया है, 8 साल तक (केपीसीसी अध्यक्ष के रूप में) सेवा की और इसे (2013 में) सत्ता में लाया. इसके अलावा मैंने उपमुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है. वे सब कुछ जानते हैं. हमारे पास नए सिरे से कहने के लिए कुछ भी नहीं है. इसलिए मुझे लगता है कि मुझे पद मांगने या इसके लिए पैरवी करने की कोई आवश्यकता नहीं है और मैं चुप हूं. इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अक्षम हूं, मैं सक्षम हूं और अगर मौका दिया जाए तो काम करेंगे.’

कर्नाटक के सीएम को लेकर नाटक जारी

आपको बताते चलें कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में 135 सीटें जीतकर कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर सत्ता के लिए तीव्र संघर्ष चल रहा है. दोनों नेता सरकार गठन और अगले मुख्यमंत्री पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा करने के लिए दिल्ली में हैं.

तमाम बैठकें, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं

कर्नाटक के सीएम को लेकर दिल्ली में सोमवार और फिर मंगलवार को भी बैठकों का दौर रहा. रविवार रात से कांग्रेस आलाकमान इस समस्या का हल खोजने में जुटा हुआ है. देर शाम मीटिंग खत्म हो गई, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंची, इसके बाद मंगलवार को भी बैठकें हुईं और अब तक कोई समाधान नहीं निकला है. 



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