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आतंक के खिलाफ जम्मू कश्मीर सुरक्षा बलों का अभियान तेज, उमर और महबूबा ने सरकार से की यह अपील




श्रीनगर:

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जांच शुरू कर दी है. जांच एजेंसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद रविवार को जम्मू में मामला दर्ज किया और कई टीम जांच में जुटी हैं.आतंकी साजिश का पता लगाने के लिए सबूतों की तलाश तेज कर दी गई है. प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की जा रही है. इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं सुरक्षा एजेंसियों ने कुछ संदिग्धों के घरों में रखे विस्फोटक में विस्फोट कर उसे उड़ा दिया है. इस बीच इस केंद्र शासित राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जांच में निर्दोष लोगों को किसी भी तरह से परेशान न किया जाए. 

क्या कहा है उमर अब्दुल्ला ने

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है,” पहलगाम आतंकी हमले के बाद, आतंकवाद और उसके मूल के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए. कश्मीर के लोग आतंकवाद और निर्दोष लोगों की हत्या के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं. उन्होंने यह स्वतंत्र और सहज रूप से किया.अब समय आ गया है कि इस समर्थन को और आगे बढ़ाया जाए और लोगों को अलग-थलग करने वाली किसी भी गलत कार्रवाई से बचा जाए. दोषियों को सजा दी जाए, उन पर कोई दया न दिखाई जाए, लेकिन निर्दोष लोगों को नुकसान न होने दिया जाए.

महबूबा मुफ्ती की मांग क्या है

कुछ इसी तरह की बात राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी की है.उन्होंने एक्स पर लिखा है,”हाल ही में पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत सरकार को सावधानी से काम लेना चाहिए और आतंकवादियों और नागरिकों के बीच अंतर करना चाहिए. उसे निर्दोष लोगों, खासकर आतंकवाद का विरोध करने वालों को अलग-थलग नहीं करना चाहिए. ऐसी खबरें हैं कि हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आम कश्मीरियों के साथ-साथ आतंकवादियों के घरों को भी ध्वस्त किया गया है. सरकार से अपील है कि वह अधिकारियों को यह निर्देश दे कि वे इस बात का ध्यान रखें कि निर्दोष लोगों को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े, क्योंकि अलगाव आतंकवादियों के विभाजन और भय के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होता है.”

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमलों में 26 लोगों की मौत हो गई थी. सरकार का कहना है कि इस घटना को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया है. इस हमले के बाद से देश में गुस्सा है. लोग पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सरकार ने इस हमले के बाद से सिंधु जल समझौता को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने शार्ट टर्म वीजा पर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को रविवार तक भारत छोड़ने का आदेश दिया था. इसके साथ ही सरकार ने अटारी सीमा के रास्ते होने वाले व्यापार को भी रोकने का आदेश दिया था. सरकार ने पाकिस्तान के उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को सीमित कर दिया है. 

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