ऑनलाइन वॉलेट के सहारे ठगी कर रहा था गिरोह, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सिंडिकेट का किया भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस ने गैंग का किया भंडाफोड़
नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो जिसके सदस्यों पर डिजिटल अरेस्ट से लेकर फर्जी बैंक खाते खोलकर ठगी करने का आरोप है. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि ये ठग ठगी के पैसे को अलग-अलग ऑनलाइन वॉलेट में ट्रांसफर कर देते थे. पुलिस ने आरोपियों के पास छह मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपियों को विदेशी ऑनलाइन Binance वॉलेट से USDT में कमीशन प्राप्त हुआ. इन आरोपियों की गिरफ्तारी स्पेशल सेल की IFSO ने की है. जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी फर्जी अकाउंट खोलने और उनका प्रबंधन करने में संलिप्त थे.इन खातों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों द्वारा निवेश धोखाधड़ी से प्राप्त धन को ठिकाने लगाने के लिए किया गया था.
पुलिस के अनुसार उन्हें अशोक कुमार ने 2 अप्रैल को शिकायत दी थी. अशोक कुमार ने पुलिस को बताया था कि उन्हें आईपीओ, स्टॉक ट्रेडिंग के माध्यम से अत्यधिक लाभ का झांसा देकर ₹64.75 लाख की धोखाधड़ी की गई.साइबर अपराधियों ने उन्हें Business Catalyst Market Ltd. के नाम से एक फर्जी डिमैट खाता खोलने के लिए राजी किया.बाद में, शिकायतकर्ता ने धोखेबाजों के निर्देशानुसार 05 विभिन्न खातों में ₹64.75 लाख स्थानांतरित किए. शिकायत मिलने के बाद धारा 318(4)/319(2)/61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई.
ऐसे हुई गिरफ्तारी
अपराध की गंभीरता को देखते हुए, एसीपी जय प्रकाश की निगरानी में एसआई विक्रम सिंह, एसआई धनंजय दुबे, एचसी मोनू कुमार और एचसी संदीप की एक टीम का गठन किया गया. खातों की पहले स्तर के खाता विवरणों के विस्तृत विश्लेषण से पता चला कि शिकायतकर्ता से धोखाधड़ी की गई राशि पहले स्तर में 05 बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी और बाद में कई अन्य खातों में भेजी गई थी.धोखाधड़ी की रकम धीरे-धीरे कुछ चिन्हित खातों से निकाली गई थी. सावधानीपूर्वक विश्लेषण और तकनीकी निगरानी के माध्यम से दो खाताधारकों की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
ऐसे करते थे धोखाधड़ी
आरोपी वड्डोरिया केविन मुकेशभाई टेलीग्राम पर “Gaming Adda” और “HY-PAY” जैसे कई चीनी साइबर समूहों के सक्रिय सदस्य थे. वह सोशल मीडिया पर कमीशन के आधार पर बैंक खाते प्रदान करने के दावों के साथ लोगों को लुभाते थे. आरोपी अब्दुल बारिक ने टेलीग्राम पर एक ऐसे विज्ञापन को देखा और आरोपी वड्डोरिया से संपर्क किया. एक अन्य चीनी एजेंट ने भी आरोपी अब्दुल बारिक से खाता और सिम कार्ड प्रदान करने के लिए संपर्क किया.आरोपी विदेशी वॉलेट से USDT में कमीशन प्राप्त करने के लिए Binance ऐप पर क्रिप्टो वॉलेट का उपयोग कर रहे थे.