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कसाब, हेडली ने जहां ट्रेनिंग ली, वे आतंकी ट्रेनिंग कैंप भी तबाह…सेना ने दी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी जानकारी




नई दिल्ली:

पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) लॉन्च कर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया. आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले इन ट्रेनिंग कैंपों और लॉन्चपैड्स को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. इसके साथ थी 7 आतंकियों और हैंडलरों को अब तक ढेर कर दिया है. भारतीय सेना ने प्रेस ब्रीफिंग (Indian Army Briefing On Pakistan Airstrike) में इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी है. कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि सेना ने पाकिस्तान में किन-किन जगहों को निशाना बनाया और कैसे इस सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया. उन्होंने ये भी साफ किया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है.

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पाक में भारतीय सेनाओं की कार्रवाई के बारे में पूरी डिटेल 

  • ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का शिकार मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया था. इस कार्रवाई में 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट कर इसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया.
  • पाकिस्तान में पिछले 3 दशकों से आतंकी इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है. इनमें रिक्रेूटमेंट, ट्रेनिंग सेंटर और लॉन्च पैड शामिल थे. ये पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) दोनों में फैले थे. 
  • आतंकियों के करीब 21 ट्रेनिंग कैंप नॉर्थ में सवाई नाला, साउथ में भागुलपुर में थे. भारतीय सेना ने विश्वसनीय इंटेलिजेंस खुफिया इनपुट के आधार पर आतंकियों के ठिकानों को टारगेट किया, ताकि आतंकी गतिविधियों की रीढ़ तोड़ी जा सके. 
  • भारतीय सेना ने कार्रवाई के दौरान इस बात पर खास ध्यान दिया कि निर्दोष नागरिकों और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान न पहुंचे. आतंकियों के कैंपों की पहचान कर उनको  टारगेट किया गया.
  • सबसे पहले पीओजेके के लाइन ऑफ कंट्रोल से 30 किमी दूर मुजफ्फराबाद के सवाई नाला में लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाया गया.  20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमलों के आतंकियों ने यहीं से ट्रेनिंग ली थी. 
  • मुजफ्फराबाद में जैश के स्टेजिंग एरिया  सयतना बिलाल कैंप को तबाह किया गया. ये जगह जैश के हथियार, विस्फोटक और जंगल ट्रेनिंग का केंद्र थी.
  • भारतीय सेना ने लश्कर के बेस गुलपुर कैंप कोटली, जो कि एलओसी से 30 किमी दूर था. इसे तबाह किया. 20 अप्रैल 2023 को पुंछ और 9 जून 2024 को तीर्थ यात्रियों के बस हमले के आतंकियों को यहीं पर ट्रेनिंग दी गई थी. 
  • सेना द्वारा तबाह किया गया एलओसी से 9 किमी दूर बरनाला कैंप हथियार, हैडलिंग, आईईडी, जंगल सर्वाइवल का केंद्र था. वहीं एलओसी से 13 कमी दूर  कोटली के अब्बास कैंप में लश्कर के फिदायीन तैयार किए जाते थे. इसे भी सेना ने तबाह कर दिया.
  • इंटरनेशनल बाउंड्री से 100 किमी दूर भागलपुर जैश का मुख्यालय था. यहां पर रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग का केंद्र भी था. बड़े आतंकी अक्सर यहां आते थे. सेना ने इस कैंप को भी बर्बाद कर दिया.
  • पाकिस्तान के किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया है. वहीं किसी भी तरह की नागरिक क्षति की जानकारी भी सामने नहीं आई है.  

जैश और लश्कर के अड्डे तबाह

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित जिन आतंकी ठिकानों पर हमला किया उनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके भी शामिल हैं. भारत ने इस ऑपरेशन के तहत पहलगाम में गई 26 लोगों की जानों का बदला पाकिस्तान से ले लिया है. 






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