खुद की वाहवाही में जुटा पाकिस्तान, अब आर्मी चीफ आसिम मुनीर को प्रमोशन देकर फील्ड मार्शल बनाया

आसिम मुनीर से पहले अयूब खान को फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी.
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान को हर युद्ध में भारत के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी है, बावजूद इसके पाकिस्तानी सेना प्रमुखों के सीने पर एक के बाद एक तमगे बढ़ते और चमकते रहे हैं. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का भी हाल ऐसा ही है. आसिम मुनीर का प्रमोशन कर अब उन्हें फील्ड मार्शल बनाया गया है. पाकिस्तान पर सेना का नियंत्रण किसी से छिपा नहीं है, ऐसे में यह साफ नजर आता है कि मुनीर अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुनीर और मुनीर की सेना भारत के हमलों को रोकने के उपाय करने के बजाय सिर्फ देखती रही. वहीं उनके अपने ही देश में बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों के आगे उनकी बेबसी कई बार उजागर हो चुकी है. ऐसे वक्त में मुनीर को फील्ड मार्शल बनाना पाकिस्तान की सरकार पर सेना के प्रभाव को बताता है.
जिओ टीवी की एक खबर के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकार ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया है. यह निर्णय प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया. साथ ही कहा गया कि यह देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने और “ऑपरेशन बनयान-उम-मर्सूस” के दौरान बेहतरीन रणनीति और साहसी नेतृत्व के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है.
पाकिस्तान की सेना का सबसे बड़ा पद
पाकिस्तान में फील्ड मार्शल सेना का सबसे बड़ा पद है. पाकिस्तानी सेना का यह पांच स्टार रैंक है. पाक सरकार सेना प्रमुख यानी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को विशिष्ट योगदान के लिए यह रैंक देती है. इससे पहले अयूब खान को यह रैंक दी गई थी. यह रैंक थल सेना के जनरल, वायु सेना के एयर चीफ मार्शल और नौसेना के एडमिरल से ऊपर होती है. पाकिस्तान सेना में यह मानद रैंक होती है. इसमें कोई अतिरिक्त जिम्मेदारी या फिर सैलरी में बढ़ोतरी नहीं होती है.
खुद के लिए तैयार करवाया तोहफा!
ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान हमेशा की तरह अपनी जीत का ढोल पीट रहा है. दुनिया को यह दिखाने के लिए कि वह ऑपरेशन सिंदूर में भारत पर भारी पड़ा है, मुनीर को यह प्रमोशन दिया गया है. शहबाज शरीफ सरकार ने कैबिनेट बैठक कर मुनीर के प्रमोशन पर मुहर लगाई. शरीफ सरकार जिस तरह के सेना के हाथों की कठपुतली बनी हुई है, उससे यह भी मुमकिन है कि खुद पाक जनरल ने ही अपने लिए यह तोहफा तैयार करवाया हो.