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तेजस्वी को CM फेस न बनाने के पीछे डर क्या? जानिए क्या बोले मुकेश सहनी


Mukesh Sahni Interview: बिहार में महागठबंधन में एक राय उभर कर आ रही है कि तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित नहीं किया जाए. कांग्रेस ने इसका झंडा बुलंद किया और वो दिखने भी लगा है. खुद तेजस्वी भी अब इस पर ज्यादा बोल नहीं रहे हैं. अब महागठबंधन के बाकी दल इस पर क्या सोचते हैं? ये जानने के लिए NDTV ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुकेश सहनी से एक्सक्लूसिव बातचीत की.

सवाल: महागठबंधन ने सीएम फेस अब तक क्यों नहीं घोषित किया

मुकेश सहनी: सब चीज का एक समय होगा. महागठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल है. इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं है. 2020 में भी महागठबंधन के सभी दल तेजस्वी यादव के चेहरे पर ही चुनाव लड़े. उसके बाद 2024 का लोकसभा चुनाव भी बिहार में तेजस्वी यादव के ही नेतृत्व में लड़ा गया. बिहार में इसको लेकर कोई इफ-बट नहीं है. उनके बराबरी में दूर-दूर तक हमारे गठबंधन में कोई नेता भी नहीं है. न कोई गठबंधन में दावेदारी कर रहा है. एक समय होता है उस समय में अच्छे तरह से लॉन्च होंगे. अगर उनके चेहरे पर चर्चा होना तो और 2020 में ही जो लॉन्च हो गया उस पर चर्चा क्या होना है. मीडिया में चर्चा हो रही है तो अलग बात है. हम तो मानते हैं कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा हैं. और रही बात गठबंधन की तरफ से घोषित करना तो मुझे लगता है कि सभी दल एक साथ बैठकर इस चीज को क्लियर करेंगे. ये कोई बड़ी बात नहीं है हमलोगों के लिए. 

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सवाल: कल सवाल उठेगा कि एनडीए के चेहरा नीतीश कुमार हैं तो महागठबंधन क्या जवाब देगा? अगर उसका चेहरा नहीं तय होगा

मुकेश सहनी: एनडीए का चेहरा भी अभी घोषित नहीं हुआ है. अभी जो हम देश के गृहमंत्री का जो बयान सुन रहे हैं और बीजेपी के टॉप लीडरशिप का जो बयान देख रहे हैं, वो कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम चुनाव लड़ेंगे. नीतीश कुमार अगले मुख्यमंत्री बनेंगे, इस पर अभी एनडीए की तरफ से भी मुहर नहीं लग रहा. महाराष्ट्र में भी बीजेपी बोल रही थी कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे लेकिन चुनाव के बाद क्या हुआ. खैर चुनाव के बाद तो एकनाथ शिंदे को हटाकर अपना मुख्यमंत्री बनाए. बिहार में ये स्थिति नहीं है. बिहार में तो उनके पास बहुमत ही नहीं आना है. बहुमत नहीं आना है तो उनका सरकार ही नहीं बनना है. सरकार ही नहीं बनना है तो किसके मुख्यमंत्री बनाएंगे, नहीं बनाएंगे, ये सवाल ही नहीं उठता. फिर रहा कि हमारे बिहार में निश्वित तौर पर बहुमत हमें मिलेगा और अगला मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव होगा. किसी भी आदमी से पूछिए तो यही जवाब मिलेगा. 

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सवाल: क्या तेजस्वी के नाम की घोषणा न करने के पीछे गैर यादव ओबीसी वोटों की चिंता है 

मुकेश सहनी: ये बिल्कुल गलत बात है. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. हम लोग अगर तेजस्वी यादव के फेस को लेकर मैदान में नहीं उतरेंगे तो हम लोगों का हाल बुरा होने वाला है. मतलब इसमें कोई किंतु-परंतु नहीं है. खासकर तेजस्वी यादव का जाति पर लाइन बोल लीजिए या लालू यादव ने जिस तरह पिछड़ों को जमीन से उठाकर कुर्सी पर बैठाया, उसके कारण सिर्फ यादव ही नहीं सभी पिछड़ी जातियां राष्ट्रीय जनता दल का समर्थक है, वोट है. और अगर उस समर्थक को हम नाराज करते हैं तो निश्चित तौर पर हमारे गठबंधन का कोई वजूद ही नहीं रहेगा. हमारे गठबंधन का बुनियाद ही लालू प्रसाद यादव हैं. तो इस बुनियाद को हमलोग हिला नहीं सकते हैं. कुछ लोग भ्रम फैलाने वाले और कुछ भी बोलने वाले हैं. लालू यादव को हर जाति और हर धर्म के लोग अपना आइकॉन मानते थे. बाद के दिनों में भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस ने इस तरीके से षडयंत्र रचा कि हमलोगों को हमारे भाई से दूर कर दिया गया. लालू यादव गरीबों के मसीहा हैं और उनके विचारों के साथ हमें चलना है.





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