Sports

देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता… पेगासस स्पाइवेयर मामले पर सुप्रीम कोर्ट


देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता… पेगासस स्पाइवेयर मामले पर सुप्रीम कोर्ट

पेगासस स्पाइवेयर मामले पर सुप्रीम कोर्ट.


नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जांच से जुड़ी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग (Supreme Court On  Spyware Pegasus Report) पर सुनवाई के दौरान कहा कि पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक करने का सवाल ही नहीं उठता.  इस रिपोर्ट को सड़क पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बना सकते. अदालत ने कहा कि अगर राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है तो इस तरह की जासूसी में क्या समस्या है. कोर्ट ने कहा कि प्रभावित आम नागरिकों के बारे में कोर्ट विचार कर सकती है. हम ऐसे प्रभावित लोगों की मांग पर विचार कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने DMRC को दी कॉरिडोर के लिए पेड़ों की कटाई की इजाजत, माननी होंगी CEC की शर्तें

अदालत ने कहा कि अगर देश स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रहा है तो इसमें क्या गलत है. देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता. हालांकि देश की सुरक्षा और व्यक्ति की निजता के बीच संतुलन जरूरी है. अदालत ने कहा सवाल ये है कि इसे किसके खिलाफ इस्तेमाल करना है. बेशक अगर इसका इस्तेमाल सिविल सोसाइटी के किसी व्यक्ति के खिलाफ किया जाता है तो निश्चित रूप से इस पर गौर किया जाएगा. 

सुप्रीम कोर्ट की कुछ अहम टिप्पणियां

  • सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ इसके इस्तेमाल पर क्या गलत है.
  • आतंकियों की निजता के हनन का कोई अधिकार नहीं होता.
  • जिसे संविधान के तहत निजता का अधिकार मिला है उसे संरक्षण दिया जाएगा.
  • जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कोई देश स्पाइवेयर इस्तेमाल करता है तो इसमें गलत क्या है. 
  • ⁠सवाल यह है कि किसके खिलाफ इस्तेमाल हो रहा है.

सड़क पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बना सकते

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस स्पाइवेयर को सिर्फ सड़क पर चर्चा का दस्तावेज नहीं बनाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत ने ये टिप्पणी इसके कथित दुरुपयोग की जांच करने वाले तकनीकी पैनल की रिपोर्ट पर की. पेगासस पैनल की रिपोर्ट साझा करने पर याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से रिपोर्ट का खुलासा करने का अपील की.

यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला

सीनियर वकील  श्याम दीवान ने कहा कि राज्य ने पत्रकारों समेत अपने ही नागरिकों के खिलाफ स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा कि इस दावे को लेकर वह पर्याप्त सबूत पेश कर सकते हैं.  इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती और अगर कुछ व्यक्तियों को आशंका है कि उन्हें हैक किया गया है तो वे अदालत से पूछ सकते हैं. अदालत ने ये भी साफ किया कि पेगासस के इस्तेमाल की रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सुरक्षा का मामला है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अब 30 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा.  





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *