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पटना का गेस्टहाउस, कमरा नंबर 404, लाखों बच्चों के भविष्य से खेल, NEET पेपर लीक की इनसाइड स्टोरी


NEET पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है. लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि इसका खुलासा बिहार में हुआ था. इस मामले में सबसे पहली FIR 5 मई 2024 को पटना के शास्त्री नगर थाने में हुई थी. इस FIR के तहत IPC की धारा 407, 408, 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद बिहार के कई राज्यों में छापेमारी करते हुए 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया. मामले जांच आगे बढ़ी तो बिहार पुलिस ने आर्थिक अपराध इकाई की एसआईटी का गठन किया है. 

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आखिर FIR में क्या था

पटना के शास्त्री नगर थाना में इस मामले को लेकर जो FIR दर्ज की गई उसके मुताबिक इस परीक्षा का पेपर लीक करने के पीछे एक संगठित गिरोह का हाथ है. साथ ही इस मामले में अभ्यर्थी और परीक्षा आयोजकों की मिली भगत भी सामने आई है. पुलिस को इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि इस परीक्षा का पेपर एक दिन पहले ही अभ्यार्थियों के पास पहुंच गया था. 

परीक्षा हॉल तक ऐसे पहुंचता है प्रश्नपत्र 

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर NEET का प्रश्नपत्र परीक्षा हॉल तक कैसे पहुंचता है. आपको बता दें कि NEET-UG 2024 में 32 पन्नों का बुकलेट था. हर बुकलेट पर सीरियल कोड मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा होता है. ऐसी लिखावट प्रिंटिंग प्रेस में ही पूरा किया जाता है. इसके बाद इन सभी बुकलेट को वेयर हाउस और फिर वहां से जिला मुख्यालय तक पहुंचाया जाता है. प्रिंटिंग प्रेस से लेकर जिला मुख्यालय तक पहुंचाने के क्रम में प्रश्नपत्र की सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम रहते हैं. परीक्षा वाले दिन की  सुबह जिला मुख्यालय से सभी परीक्षा केंद्रों पर इन प्रश्नपत्रों को पहुंचा दिया जाता है. 

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आरोपी अमित आनंद ने किया था कबूल

इस मामले के एक आरोपी जिसका नाम अमित आनंद के रूप में की गई है, ने शास्त्री नगर थाने के दारोगा तेज नारायण सिंह के समक्ष बयान दिया था. इस बयान में उसने कहा था कि उसने ही अभ्यार्थियों को NEET परीक्षा के प्रश्न पत्र का उत्तर रटवाया था.  




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