‘भूलो मत, तुम्हारा जन्म कैसे हुआ?’, BSF की तारीफ कर अमित शाह ने बांग्लादेश को समझा दिया
Amit Shah Warning To Bangladesh: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (23 मई, 2025) को बांग्लादेश को साफ-साफ चेतावनी है. उन्होंने कहा कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान इसके निर्माण में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की निभाई गई बड़ी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अमित शाह ने ये बात 22वें बीएसएफ अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मारक लेक्चर में बोलते हुए कही.
उन्होंने कहा, “बीएसएफ की यात्रा जितनी कठिन है, उतनी रोमांचकारी भी है. बीएसएफ के भाग्य में ऐसा मौका आया जब उसके गठन के 6 साल के अंदर सबसे कठिन बॉर्डर पर युद्ध का सामना करना पड़ा. 1965 में स्थापना के बाद 1971 के हम पर थोपे गए युद्ध में बीएसएफ के जवानों ने जो वीरता दिखाई, जो योगदान दिया उसको न भारत कभी भूल सकता है और न बांग्लादेश को कभी भूलना चाहिए. बांग्लादेश के बनने में बीएसएफ की बहुत बड़ी भूमिका रही.”
ऑपरेशन सिंदूर पर क्या बोले अमित शाह?
हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए सेना संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा, “पर्यटकों से धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने ही चुन-चुनकर मार दिया गया. बिहार से हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि इसका करारा जवाब दिया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर ही इसका जवाब है. आज पूरी दुनिया हमारी सेना और उसकी मारक क्षमता की प्रशंसा कर रही है. मैं सेना के जवानों का अभिनंदन करता हूं कि आपने देश की स्प्रिट को वहां पहुंचाया जहां पहुंचाने की जरूरत थी.”
उन्होंने आगे कहा, “दुनिया में कई जगह पर आतंकी हमलों का जवाब दिया गया है लेकिन भारत ने जो जवाब दिया वो एक तरह से अलग है. जब पहलगाम पर हमला हुआ तो 8 तारीख को हमने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. कुछ ही मिनटों के ऑपरेशन में हमने 9 आतंकी अड्डों को खत्म कर दिया, जिसमें उसके हेडक्वार्टर भी थे. इसमें न हमने पाकिस्तान की सेना पर हमला किया और न एयरबेस पर. सिर्फ आतंकी अड्डों पर हमला किया.”
‘सेना ने दिया मारक क्षमता का परिचय’
अमित शाह ने कहा, “हम मानते थे कि इतना काफी है और हमला आतंकवादियों पर किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने साफ कर दिया कि यहां पर जो आतंकवाद है उसको वही पनपा रहे हैं. आतंकियों पर किए गए हमले को पाकिस्तान ने अपने ऊपर ले लिया और 8 तारीख के बाद उसने सेना के संस्थानों पर हमला करने का दुस्साहस किया लेकिन हमारे एयर डिफेंस सिस्टम के सामने वो टिक नहीं पाए. जब उन्होंने आम नागरिकों और सेना के स्थानों पर हमला करने का प्रयास किया तो 9 तारीख को भारतीय सेना ने उनके एयरबेस पर हमला करके उनको कठोर जवाब दिया और हमारी मारक क्षमता का परिचय कराया.”
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