मुंबई और उपनगरों को रविवार रात से मूसलधार बारिश ने बुरी तरह से प्रभावित
Mumbai Weather Updates: मुंबई और उपनगरों को रविवार रात से मूसलधार बारिश ने बुरी तरह से प्रभावित किया है. इस बारिश ने पहले से ही सड़क कार्यों की वजह से परेशान मुंबईकरों की स्थिति और भी बदतर कर दी है. मुंबई में भारी बारिश के बाद मौसम विभाग ने कल (27 मई) को और भी ज्यादा बारिश का अनुमान जताया है.
इसके चलते मुंबई और ठाणे में रेड अलर्ट जारी किया गया है और संभावना है कि कल और परसों (27-28 मई) भारी बारिश होगी. मानसून समय से पहले आ जाने के कारण मुंबई के सभी निचले इलाकों में पानी भर गया है. इस बारिश के कारण मेट्रो लाइन 3 और रेलवे ट्रैक सहित मुंबई के निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इस बीच IMD (भारतीय मौसम विभाग) ने बताया है कि मई महीने में मुंबई में सदी की सबसे अधिक बारिश हुई है. पिछले 107 वर्षों में यह सबसे अधिक मई की बारिश है, जो मुंबई ने अनुभव की है.
मुंबई के इतिहास में 26 मई को हुई यह बारिश सबसे अधिक दर्ज की गई है. पिछले सौ सालों में मई महीने में इतनी बारिश नहीं हुई थी. दक्षिण मुंबई के कोलाबा इलाके में 24 घंटों में 135 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. वर्तमान में बादलों की स्थिति को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है, यह जानकारी IMD की निदेशक शुभांगी भुते ने दी.
इस रेकार्ड को देखते हुए मुंबई मे रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. बस ट्रेन पर इसका असर देखने मिल रहा है. हार्बर लाईन की रेल सेवा बंद हो चुकी है और सेंट्रल रेल देरी से चल रही है. ऐसे में सरकार ने सभी शासकीय सेवा में काम करनेवाले कर्मचारियों को 4 बजे घर जाने के आदेश दिए हैं. इसका एक शासन आदेश जारी किया गया है.
नाले सफाई पर फिरा पानी का पानी
मुंबई में कल रात से शुरू हुई बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है. हर दो घंटे में आसमान फिर से काला हो जाता है और बारिश तेज हो जाती है. मुंबई के हिंदमाता, सायन-किंग्स सर्कल, अंधेरी सबवे, मिलन सबवे जलमग्न हो गए हैं. मध्य रेलवे की लोकल ट्रेन सेवा ठप पड़ी है. वहीं मेट्रो लाइन 3 का संचालन भी वरली के आचार्य अत्रे स्टेशन में पानी घुसने के कारण बंद कर दिया गया है. इस जोरदार बारिश ने मुंबई का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई सड़कों पर निर्माण कार्य जारी होने के कारण यातायात जाम की स्थिति बन गई है.
हाल ही में की गई नालेसफाई में निकला गाद नालों और गटरों के किनारे ही छोड़ दिया गया था, जिससे वह दोबारा बारिश के पानी के साथ बहकर नालों में चला गया. इस कारण नालेसफाई का कोई खास असर नहीं दिखा–बारिश ने उस पर भी पानी फेर दिया है.