मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं: वैज्ञानिकों से बोले कृषि मंत्री शिवराज सिंह
नई दिल्ली:
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं. कृषि मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि 29 मई को श्री जगन्नाथ की पावन धरती पुरी, ओडिशा से इस अभियान की बड़े स्तर पर शुरुआत होगी. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का पूरा अमला राज्यों के सहयोग से इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है. शनिवार को इसी के तहत शिवराज सिंह चौहान ने पूसा कैंपस स्थित सुब्रहमण्यम हॉल में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया.
‘सत्ता सुख के लिए नहीं बना मंत्री’
यहां केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सत्ता के सुख के लिए कृषि मंत्री नहीं बना हूं बल्कि किसानों की सेवा के लिए, उत्पादन बढ़ाने, उत्पादन की लागत घटाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, देश में अन्न के भंडार भरने और भावी पीढ़ी के कृषि संबंधित हितों की रक्षा के लिए ही मेरा जीवन समर्पित है. शिवराज सिंह ने कहा कि उर्वरक का संतुलित प्रयोग, स्थानीय परिस्थिति, सही रिसर्च की जानकारी होने और अच्छे बीजों से किसान को उत्पादकता बढ़ाने में निश्चित तौर पर मदद मिल सकती है.
शनिवार को आयोजित संवाद कार्यक्रम पर कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सभी 113 संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के साथ ही देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों व केंद्र-राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक बड़ी संख्या में सभागार में मौजूद रहे और कुछ वर्चुअली इससे जुड़े.

विज्ञान और किसान पर जोर
चौहान ने कृषि वैज्ञानिकों और किसान को जोड़ने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस अभियान के जरिए इसे पूरा करते हुए किसानों से जुड़ने की एक बड़ी कोशिश होने जा रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि खेती दिल और लगाव का विषय है. खेती को जिया जाता है. मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं. फसल के अच्छे और खराब होने पर भावनाएं जुड़ जाती हैं.
कृषि मंत्री चौहान की मानें तो सरकार की पूरी कोशिश कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने की है. रिसर्च और अनुसंधान के लिए सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में फंड की कमी नहीं होने देगी.
कृषि मंत्री शिवराज ने यह भी कहा कि यह अभियान परिणाम देने वाला कार्यक्रम है. इसका परिणाम इसी खरीफ सीजन में उत्पादन वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी के तौर पर जल्द ही हमारे सामने होगा. चौहान ने देश के वैज्ञानिकों से अपनी रिसर्च कैपिसिटी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर सिद्ध करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि हमारे कृषि संस्थानों में वो ताकत है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानेगी.
1.5 करोड़ किसानों से होगा संवाद
शिवराज सिंह चौहान ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की तारीफ की और कहा कि इस अभियान के पूरा होने के बाद देश, वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेगा. उन्होंने बताया कि यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देशव्यापी स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. इसमें वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद करेगी. इस अभियान में 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) और ICAR के 113 संस्थानों के वैज्ञानिक-विशेषज्ञ और राज्यों और अन्य कृषि विभाग का अमला भी शामिल रहेंगे. यह अभियान 700 से ज्यादा जिलों में आयोजित किया जाएगा. साथ ही इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, मछली पालन आदि विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक और इनोवेटिव किसान भी शामिल रहेंगे. अभियान का लक्ष्य 1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद करना है.