यूपी में 1 लाख 93 हजार सरकारी टीचर्स की भर्ती का ऐलान गलत? अब सपा-कांग्रेस ने उठाए सवाल
<p style="text-align: justify;"><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती को लेकर राज्य सरकार के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक जानकारी शेयर की गई. जिसके अनुसार राज्य में मार्च तक प्रदेश में करीब दो लाख शिक्षकों की भर्ती होगी, हालांकि बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया. जिसके बाद इस भर्ती को लेकर कई तरह की खबरें सामने आ रही है. इस मामले को लेकर अब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.</p>
<p style="text-align: justify;">सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि बीजेपी के एजेंडे में नौकरी है नहीं, बीजेपी किसी को नौकरी नहीं देना चाहती है. पहले पीआर कंपनी से एक विज्ञापन निकलवा दिया जाता है, अखबारों में डेडलाइन दे दी जाती है कि लाखों नौकरी निकलेंगी. फिर वह सरकार द्वारा उसे ट्वीट किया जाता है, फिर उस पोस्ट को डिलीट कर दिया जाता है. क्योंकि भाजपा के एजेंडे में नौकरी है ही नहीं. 69000 शिक्षक भर्ती में जिन लोगों को नौकरी मिली उनके साथ भी नाइंसाफी हुई, आज जिस तरह से नौकरी के पोस्ट को शेयर किया गया फिर उसे डिलीट कर दिया गया जो ये दिखाता है कि बीजेपी के एजेंडे में न नौजवान हैं न नौकरी है. </p>
<p style="text-align: justify;">वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-"2018 के बाद योगी सरकार ने कोई शिक्षक भर्ती नहीं निकाली. सुबह नए भारत के नए यूपी के हैशटैग के साथ लगभग 2 लाख शिक्षक भर्ती की खबर सरकार ने अखबारों में, अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दिए. लेकिन अब पता चल रहा है कि इस खबर के ट्वीट और पोस्ट को डिलीट कर दिया गया है. चोरों की तरह इस सरकार की हरकत है. उत्तर प्रदेश के युवाओं के भविष्य का गला घोंटने के अलावा इस सरकार ने कुछ नहीं जाना. मुख्यमंत्री जी युवाओं के साथ इतनी निर्ममता आपको भारी पड़ेगी. जिस तरह यह युवा ओवरएज हो रहा है, वही मर्म एक दिन इस सरकार कर्ता-धर्ताओं को भोगने पड़ेंगे.</p>
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