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वार होगा, जोरदार होगा! बिहार के मधुबनी में बहुत कुछ बयां कर रहा था PM मोदी का चेहरा


पहलगाम में निहत्थे सैलानियों के नरसंहार से पूरा देश गम और गुस्से में है. गुरुवार को बिहार के मधुबनी में पंचायती राज दिवस के लाभार्थियों को सम्मान देते पीएम मोदी के चेहरे पर भी देश के गुस्से की यह झलक साफ दिखाई दे रही थी. पीएम मोदी जब भी बिहार दौरे पर गए हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनकी केमिस्ट्री और हल्का-फुल्का हंसी मजाक चलता रहा है. लेकिन गुरुवार को पूरे कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी का चेहरा बेहद सख्त था. पीएम मोदी ने अपना भाषण शुरू करने पहले रैली में आए लोगों से मौन रहने की अपील कर पहलगान में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने की अपील की. इस दौरा वह खुद भी हाथ जोड़कर मौन रहे.

वार होगा, जोरदार होगा! बिहार के मधुबनी में बहुत कुछ बयां कर रहा था PM मोदी का चेहरा

मधुबनी में पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल तो जरूर हुए लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज काफी अलग दिखी. उनके चेहरे पर इस आतंकी हमले को लेकर गुस्सा और इसमे मारे गए लोगों के प्रति दुख साफ तौर पर दिख रहा था. पीएम मोदी के चेहरे के ये भाव आतंकियों की नींद उड़ाने के लिए काफी थे. पीएम मोदी ने भाषण शुरू करने से पहले पहलगाम में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा.  

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पीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है. कोटि कोटि देशवासी दुखी हैं. सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख पूरा देश उनके साथ खड़ा है. जिन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है. इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है. मैं बहुत साफ शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने यह हमला किया है उन आतंकियों और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगा. सजा मिलकर के रहेगी. अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है. एक सौ 40 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी.

पीएम मोदी बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार वो धरती है,जहां से पूज्य बापू ने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था.पूज्य बापू के दृढ़ विश्वास था कि जब तक भारत के गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक भारत का तेज विकास नहीं हो पाएगा. देश में पंचायती राज की परिकल्पना के पीछे यही भावना है. 

आज पंचायती राज दिवस के मौके पर पूरा देश मिथिला से, बिहार से जुड़ा है. आज यहां देश के, बिहार के विकास से जुड़े हजारों करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है.  बिजली, रेल, इंफ्रास्ट्रक्चर के इन विभिन्न कार्यों से बिहार में रोजगार के नए मौके बनेंगे. बीते दशक में पंचायतों को सशक्त करने के लिए एक के बाद एक कदम उठाए गए हैं.  टेक्नोलॉजी के माध्यम से भी पंचायतों को मजबूत किया गया है. 





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