विजय शाह पर ऊषा ठाकुर बोलीं, 'कर्नल सोफिया क़ुरैशी पर जो टिप्पणी हुई, वो ठीक नहीं है लेकिन…'
<p style="text-align: justify;">कर्नल सोफिया क़ुरैशी को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के मामले में घिरे मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री विजय शाह को पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और इंदौर से विधायक ऊषा ठाकुर का समर्थन मिला है. उन्होंने कहा है कि जिस समय मंच पर विजय शाह ने यह बयान दिया, उस वक्त वह भी मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा कोई आपत्तिजनक शब्द नहीं सुना.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या है मामला?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">मंत्री विजय शाह पर आरोप है कि उन्होंने 14 मई को इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया क़ुरैशी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी. इस बयान को लेकर देशभर में तीखी प्रतिक्रिया हुई. उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ऊषा ठाकुर ने क्या कहा?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">मंच पर मौजूद ऊषा ठाकुर ने अपने बयान में कहा, “मैं मंच पर मौजूद थी. माइक एक तरफ था और स्पीकर दूसरी ओर, इसलिए विजय शाह जी के शब्द स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं दिए. अगले दिन जब विवाद हुआ, तब हमें पता चला कि क्या कहा गया था.” उन्होंने यह भी जोड़ा, “मैंने खुद विजय शाह को कोई आपत्तिजनक बात कहते नहीं सुना. जो भी हुआ, कोर्ट और संगठन इस पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं. हमें उनकी प्रक्रिया पर भरोसा है.”</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>‘ज़ुबान फिसलने’ की दलील</strong> </p>
<p style="text-align: justify;">ऊषा ठाकुर ने विजय शाह की ओर से दी गई टिप्पणी को ‘ज़ुबान फिसलने’ का मामला बताया. उन्होंने कहा, “कर्नल सोफिया क़ुरैशी पर जो टिप्पणी हुई, वो ठीक नहीं है. लेकिन मुझे लगता है कि भाषण के जोश में ज़ुबान फिसल गई. वह ‘अपनी बहन’ कहने जा रहे थे, लेकिन कुछ और बोल गए. यह जानबूझकर किया गया अपमान नहीं था.”</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>देशभक्ति की भावना पर जोर</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अपने बयान के अंत में ठाकुर ने कहा कि हर भारतीय के मन में देशभक्ति होती है, और कोई भी व्यक्ति सेना या देश का अपमान करने की कल्पना भी नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, “हम वहाँ श्रमदान के लिए गए थे, मंच पर एक छोटा सा कार्यक्रम था. हर कोई देश के प्रति निष्ठावान था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मामला इस मोड़ पर आ गया.”</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>संगठन और न्यायपालिका पर भरोसा</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ऊषा ठाकुर ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रही है, इसलिए वह उस पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन जो भी उचित समझेगा, वही निर्णय लिया जाएगा.</p>
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