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वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू, दी श्रद्धांजलि



नई दिल्ली:

पोप फ्रांसिस के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वेटिकन सिटी पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को दिवंगत पोप को श्रद्धांजलि अर्पित की. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति के अकाउंट से किए गए एक पोस्ट में बताया गया, “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वेटिकन सिटी में सेंट पीटर के बेसिलिका में परम पावन पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि अर्पित की.”

इससे पहले, राष्ट्रपति मुर्मू अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के साथ पोप फ्रांसिस के राजकीय अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए वेटिकन सिटी पहुंचीं. प्रतिनिधिमंडल में अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन और गोवा विधानसभा के उपाध्यक्ष जोशुआ डी सूजा भी शामिल हैं.

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पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. अपनी यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू शनिवार को पोप फ्रांसिस के राजकीय अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी और सरकार और भारत के लोगों की ओर से संवेदना व्यक्त करेंगी.

विदेश मंत्रालय ने बताया कि राष्ट्रपति 26 अप्रैल को वेटिकन सिटी के सेंट पीटर स्क्वायर में सामूहिक अंतिम संस्कार में शामिल होंगी, जिसमें कई वैश्विक नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की उम्मीद है.

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वेटिकन ने गुरुवार को कहा कि कम से कम 130 विदेशी प्रतिनिधिमंडलों ने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने की पुष्टि की है, जिसमें 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 राजघराने शामिल हैं.

जिन राष्ट्राध्यक्षों और राजघरानों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, उनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटेन के प्रिंस विलियम, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, स्पेन के राजा फेलिप VI और रानी लेटिजिया और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा शामिल हैं.

पोप फ्रांसिस के निधन के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के लोगों के प्रति पोप का स्नेह हमेशा याद रखा जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से बहुत दुखी हूं. दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे. छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की. जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई.”

उन्होंने लिखा, “मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद करता हूं और समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ हूं. भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा. उनकी आत्मा को ईश्वर की गोद में शांति मिले.”




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