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शहीदी दिवस पर महाराष्ट्र में होंगे कार्यक्रम, CM फडणवीस ने की राज्य स्तरीय समिति की बैठक



<p style="text-align: justify;">मुंबई में शुक्रवार (13 जून) को ‘हिंद की चादर – गुरु तेग बहादुर साहिब जी 350वीं शहीदी और गुरु गोविंद सिंह 350वीं गुरु ता गद्दी समागम समिति, महाराष्ट्र राज्य’ के प्रतिनिधि मंडल के साथ आगामी समागम कार्यक्रम के आयोजन हेतु बैठक संपन्न हुई. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि ये बैठक उनके सरकारी आवास पर हुई.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शहीदी समागम कार्यक्रम के सफल आयोजन का निवेदन प्रस्तावित- सीएम</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सीएम फडणवीस ने कहा कि इस अवसर पर इस समिति ने इस शहीदी समागम कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कुछ निवेदन भी प्रस्तावित किया. जिस पर राज्य सरकार की तरफ से सकारात्मक चर्चा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>महाराष्ट्र में इन जगहों पर आयोजित होंगे कार्यक्रम</strong></p>
<p style="text-align: justify;">मुख्यमंत्री ने कहा, "इस समिति ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी दिवस एवं गुरु गोविंद सिंह जी की 350वीं गुरु ता गद्दी समागम समारोह का आयोजन इस वर्ष राज्य में व्यापक तरीके से मनाने हेतु कई प्रभावशाली प्रस्ताव प्रस्तुत किए. इस प्रस्ताव के अंतर्गत यह आयोजन इस वर्ष महाराष्ट्र के नांदेड़ में 15, 16 नवंबर, नागपुर में 6 दिसंबर और नवी मुंबई में 21 और 22 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जायेगा."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शिक्षा के पाठ्यक्रमों में शामिल करने का भी निवेदन</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सीएम ने आगे कहा, "इस आयोजन के तहत सिख गुरुओं की जीवनी, देश-धर्म एवं संस्कृति के लिए किये गये उनके कार्यों एवं उनके श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों की सीख को राज्य भर में घर-घर तक विभिन्न भाषाओं के माध्यम से पहुंचाने का सुझाव दिया गया. &nbsp;साथ ही इस समिति ने इस सत-साहित्यों को विभिन्न स्तर के शिक्षा के पाठ्यक्रमों में शामिल करने का भी निवेदन प्रस्तावित किया है. जिस पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार करेगी."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बैठक में कई गणमान्य रहे उपस्थित</strong></p>
<p style="text-align: justify;">इस बैठक में राज्य स्तरीय समिति के मार्गदर्शक संत ज्ञानी हरनाम सिंहजी खालसा, धार्मिक गुरु संत श्री बाबूसिंह महाराज, संत रघुमुनिजी महाराज, गोपाल चैतन्य जी महाराज एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे.</p>



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