सर्दी के समय फॉग से होने वाली फ्लाइट डिले की समस्या से निपटने की तैयारी, DIAL के सीईओ ने बताया प्लान
<p style="text-align: justify;">दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) की मेजबानी में 15 से 17 अप्रैल 2025 तक एसीआई एशिया-पैसिफिक और मिडल ईस्ट रीजनल असेंबली, कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का विषय है, “द हब रेस: क्षेत्रीय हवाई अड्डों को वैश्विक द्वार में बदलना”</p>
<p style="text-align: justify;">DIAL के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने कहा, “यह सम्मेलन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां हम वैश्विक विमानन नेताओं के साथ मिलकर अपने हवाई अड्डों को वैश्विक हब में बदलने की दिशा में कार्य करेंगे”. उन्होंने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डा वर्तमान में 22 मिलियन यात्रियों को संभालता है और 24 मिलियन का आंकड़ा पार करने के बाद इसे आधिकारिक रूप से वैश्विक हब के रूप में मान्यता मिलने की संभावना है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>44 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में लेंगे भाग </strong><br />इस सम्मेलन में 44 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो हवाई अड्डों और संबंधित क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे. यह आयोजन भारत के विमानन उद्योग को वैश्विक स्तर पर पेश करने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का एक मंच प्रदान करेगा. दिल्ली हवाई अड्डा वर्तमान में 70 अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों से जुड़ा हुआ है और कई प्रतिष्ठित सुपर हब्स से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. इसके अलावा यात्री अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एआई-आधारित प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा है और हवाई अड्डे ने लेवल 5 कार्बन मान्यता प्राप्त की है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>विदेशी नागरिकों के लिए बायोमेट्रिक कियोस्क की सुविधा उपलब्ध </strong><br />Digi Yatra प्रणाली के तहत प्रतिदिन 16,000-17,000 यात्री दिल्ली हवाई अड्डे पर यात्रा करते हैं और विदेशी नागरिकों के लिए बायोमेट्रिक कियोस्क की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसे प्रतिदिन लगभग 5,000 यात्री उपयोग करते हैं. DIAL को उम्मीद है कि आने वाले एक से दो वर्षों में दिल्ली हवाई अड्डे को आधिकारिक रूप से वैश्विक हब के रूप में मान्यता प्राप्त होगी.</p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा, “यह चुनौती नहीं, बल्कि एक अवसर है. दिल्ली में ट्रैफिक फ्लो है और यह विजन हमने 2-3 साल पहले रखा था. इसमें एयरपोर्ट को फैसिलिटी देनी है, चाहे वह इंटरनेशनल टू इंटरनेशनल ट्रांसफर हो या डोमेस्टिक टू डोमेस्टिक ट्रांसफर. एयरलाइंस को बेहतर कनेक्टिविटी बढ़ानी होगी, तभी ज्यादा पैसेंजर आएंगे. पैसेंजर अभी डायरेक्ट फ्लाइट लेना पसंद करते हैं. इसके लिए हमने सभी एयरलाइंस के साथ काम किया है. एक फ्लाइट में करीब 25 से 30 प्रतिशत ट्रांसफर पैसेंजर होते हैं. जैसे-जैसे पैसेंजर बढ़ेंगे, हम और आगे बढ़ेंगे”.</p>
<p style="text-align: justify;">वहीं, सर्दी के मौसम में होने वाली फ्लाइट डिले की समस्याओं पर DIAL सीईओ ने कहा, “इस साल फॉग से रुकावट बहुत कम हुई है. जाड़े के समय पूर्वी हवा ज्यादा चलती है, उस समय हमारी कैपेसिटी में कमी थी क्योंकि 10/28 रनवे में 10 वाले साइड CAT 3 नहीं था लेकिन जाड़े से पहले हम उसे सही कर रहे हैं”.<br /> </p>
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