'सोने की चिड़िया’: अतीत की महिमा बनाम आलोचनात्मक दृष्टि

पुस्तक का समग्र स्वर राष्ट्रवादी पुनर्जागरण से प्रेरित है, जो आज के सामाजिक-राजनीतिक विमर्श में सामान्य है. यह दृष्टिकोण अपने आप में अनुचित नहीं, परंतु जब इतिहास को प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत किया जाए तो उसके तथ्यों की प्रामाणिकता और आलोचनात्मक दृष्टि और अधिक अनिवार्य हो जाती है.
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