100 दिनों तक सिनेमाघरों में चलने वाली पहली हिंदी फिल्म, राजेश खन्ना को बनाया सुपरस्टार, टिकटें मिलनी थी मुश्किल, तोड़े रिकॉर्ड

नई दिल्ली:
बॉलीवुड में आए दिन नई फिल्में आती हैं. लेकिन कुछ ही होती हैं, जो दर्शकों के दिलों में जगह बना पाती हैं. लेकिन जब वह फैंस के दिलों में बस जाती है तो उस मूवी में काम करने वाले एक्टर को सुपरस्टार कहलाने में देर नहीं लगती. ऐसा ही कुछ सुपरस्टार राजेश खन्ना के साथ हुआ, जिनकी 1969 में रिलीज हुई इस फिल्म ने ना सिर्फ करोड़ों की कमाई की. बल्कि 100 दिन तक सिनेमाघरों में भी चली. हाल कुछ ऐसा हो गया कि फिल्मों की टिकट मिलना तक मुश्किल होने लगा. यह फिल्म और कोई नहीं अराधना थी, जिसमें राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की आइकॉनिक जोड़ी देखने को मिली थी.
ये फिल्म रिलीज हुई तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह हिट साबित होगी. लेकिन देखते ही देखते फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हो गई. इसके कारण राजेश खन्ना का स्टारडम नई ऊचाइयों पर पहुंचा और वह सुपरस्टार्स की गिनती में शामिल हो गए. अराधना साल 1946 में आई टू ईच हिज ओन पर बेस्ड थी. राजेश खन्ना के फैंस को यह फिल्म बेहद पसंद आई, जिसके चलते फिल्म थिएटर्स से नहीं हटी और सिलसिला पूरे तीन महीने से ज्यादा का रहा यानी एक ही फिल्म सिनेमाघरों में 100 दिनों तक दिखाई जा रही थी.
फिल्म काफी शानदार थी और इसमें राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की एक्टिंग ने लोगों का दिल जीत लिया था, ऐसे में इसे अवॉर्ड्स मिलना भी तय था. इस फिल्म के लिए इन दोनों सितारों को फिल्म फेयर अवॉर्ड दिया गया, साथ ही फिल्म ने और भी अवॉर्ड्स अपने नाम किए. फिल्म का एक गाना भी सुपरहिट हुआ, जिसके बोल मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू…थे. आपने भी ये गाना जरूर सुना होगा. फिल्म इतनी हिट थी कि तेलुगू में इसका रीमेक बनाया गया. ये रीमेक भी काफी ज्यादा हिट रही. फिल्म देशभर में कई महीनों नहीं बल्कि करीब तीन साल तक दिखाई गई.
मेरे सपनो की रानी के अलावा अराधना में रुप तेरा मस्ताना, कोरा कागज था ये मन मेरा, चंदा है तू मेरा सूरज है तू, सफल होगी तेरी अराधना, गुन गुना रहे है भंवरे और बागों में बहार है जैसे गाने भी काफी पॉपुलर हैं. फिल्म में गानों की कुल लेंथ 31.55 थी.