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Roof collapsed due to rain in Meerut entire family was buried two children died ann


Meerut Rain: मेरठ में रुकरुक कर हो रही बारिश की वजह से एक घर की कच्ची छत भर भराकर गिर गई. मलबे में पूरा परिवार दब गया.आसपास के लोगों ने जैसे-तैसे मलबे में दबी महिला, उसके पति और बच्चों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो चुकी थी. घायल पति और गर्भवती पत्नी अस्पताल में भर्ती है. इस घटना के बारे में जिसने भी सुना उसी का दिल दहल गया.

मेरठ के देहात इलाके बहसूमा थाना के मोडखुर्द गांव में मशरूफ का मकान है. उनके घर की दीवारें तो ईंट की हैं, लेकिन छत कच्ची बनी हुई थी. कई दिन से हो रही बारिश से छत टपक रही थी, लेकिन मजबूरी और गरीबी की वजह से तंगहाली की जिंदगी जी रहे मशरूफ को नहीं पता था कि ये छत उसके परिवार पर कहर बनकर टूटेगी. बारिश पड़ रही थी और मशरूफ की पत्नी रूखसार, बच्चा बिलाल, इनाया और खुद मशरूफ भी छत के नीचे दब गए. लोग मदद के लिए दौड़ पड़े लेकिन तब तक बिलाल और इनाया की मौत हो चुकी थी, जबकि रूखसार और उनका पति मशरूफ गंभीर रूप से घायल हैं.

तेज धमाके की हुई आवाज, दौड पड़ा पूरा गांव
बारिश की वजह से सभी लोग bbbbbअपने घरों में थे. अचानक से तेज धमाके की आवाज आई तो लोग अपने घरों से बाहर निकले. पता चला कि मशरूफ के घर की कच्ची छत गिर गई है और उसके नीचे पूरा परिवार दब गया है. पुलिस को भी सूचना दे दी गई और ग्रामीण भी मौके की तरफ दौड़ पड़े. सभी मलबे में दबे परिवार को बाहर निकलने के लिए जुट गए. पुलिस प्रशासन ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. घंटों की मशक्कत के बाद सभी को बाहर निकाला गया. बारिश की वजह से राहत और बचाव का कार्य करने में काफी दिक्कतें भी आई. जैसे ही सभी को बाहर निकाला तो दो बच्चों की सांसे थम चुकी थी.

मशरूफ की माली हालत ठीक नहीं है, इसीलिए घर की कमजोर छत को वो सही नहीं करा पाया. यदि घर की कच्ची छत मजबूत हो जाती तो शायद ये हादसा न होता और न परिवार के दो बच्चों की जान चली जाती. जिस वक्त रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था, उस वक्त लोग जब मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाल रहे थे और जैसे ही दोनों बच्चों के शव बाहर निकाले गए और एक तरफ रखे गए तो गांव वालों के आंसू नहीं थम रहे थे. पूरे गांव में गम का माहौल है.

एसडीएम और सीओ भी मौके पर पहुंचे
बारिश की वजह से घर की छत गिरने और मलबे में दबने की सूचना पर एसडीएम मवाना अंकित कुमार और सीओ सौरभ सिंह बहसूमा के मोडखुर्द गांव पहुंच गए थे. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलाए जाने की मांग भी रखी. ग्राम प्रधान इंतजार देशवाल ने अधिकारियों से कहा कि परिवार की माली हालत ठीक नहीं है, इसलिए सरकार से परिवार के मुजावदा दिलवाया जाए. इस पर अधिकारियों ने उचित मुआवजा दिलवाए जाने का आश्वासन दिया.

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