Bihar Assembly Elections Tejashwi Yadav Will Meet Rahul Gandhi On 15 April 2025 Congress RJD Seat sharing CM Face ANN
Tejashwi Yadav-Rahul Gandhi Meeting: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मंगलवार (15 अप्रैल, 2025) की सुबह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाक़ात करेंगे. माना जा रहा है इस मुलाक़ात में गठबंधन में सीट बंटवारे और तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार के तौर पर औपचारिक ऐलान को लेकर चर्चा हो सकती है. बीते कुछ समय से दोनों दलों के बीच इन मुद्दों पर पेंच फंसा हुआ नज़र आ रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस बीते विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार भी सत्तर सीटें चाहती है. कांग्रेस न केवल कम से कम सत्तर सीटें, बल्कि अपनी पसंद की सीटें भी चाहती है. हालांकि पिछली बार के बुरे प्रदर्शन और गठबंधन के अन्य दलों को एडजस्ट करने के नाम पर आरजेडी कांग्रेस पर कम सीटों पर लड़ने का दबाव बना रही है. यही वजह है कि आरजेडी को संदेश देने के लिए कांग्रेस अभी तक आधिकारिक तौर पर तेजस्वी यादव को सीएम चेहरा मानने से बच रही है.
क्या सुलझेगा कांग्रेस-आरजेडी के बीच फंसा पेंच?
देखना होगा कि दोनों दलों के आला नेता कैसे इस पेंच को सुलझाते हैं. इस बैठक के बाद सत्रह अप्रैल को पटना में महागठबंधन यानी आरजेडी, बिहार कांग्रेस और वामदलों के नेताओं की बैठक होनी है. जाहिर है कांग्रेस आलाकमान के साथ बात फाइनल करने के बाद आरजेडी बिहार में अपने सहयोगियों के साथ आगे की रणनीति साझा करेगी.
बिहार में कांग्रेस ने किए कई बदलाव
बीते कुछ समय से कांग्रेस आलाकमान ने बिहार इकाई में बड़े बदलाव किए हैं. आरजेडी के करीब माने जाने वाले अखिलेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया. इसके अलावा कन्हैया कुमार की अगुवाई में कांग्रेस ने उत्तर बिहार में यात्रा निकाली. माना जाता है कि बिहार में कांग्रेस कन्हैया कुमार को भविष्य का चेहरा बनाना चाहती है. जाहिर है ये बातें आरजेडी को पसंद नहीं आई हैं. ऊपर से आरजेडी के एलान के बाद भी कांग्रेस ने अब तक तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार नहीं घोषित किया है.
राहुल गांधी ख़ुद भी इस साल तीन बार पटना का दूसरा दौरा कर चुके हैं और दलित–पिछड़ी जातियों से जुड़े सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. इससे साफ़ है कि कांग्रेस बिहार में आगे बढ़ना चाहती है. कांग्रेस अब आरजेडी के सामने झुकना नहीं बल्कि उसके साए से बाहर निकलना चाहती है.
हालांकि गठबंधन टूटने का खतरा इसलिए नहीं है क्योंकि दोनों दलों को एक दूसरे की अहमियत का एहसास है. देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी और कांग्रेस में कौन किस पर भारी पड़ता है. सीटों पर आरजेडी मान गई तो कांग्रेस तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार मान लेगी.
ये भी पढ़ें: ‘हम दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम में उलझे रहे…’, CWC की बैठक में ऐसा क्यों बोले राहुल गांधी?