Rajasthan Congress objects instructions policemen to salute politicians Jitu Patwari said This will lower morale | MP पुलिस अब विधायक-सांसदों के देगी सलामी, कांग्रेस ने जताई आपत्ति, जीतू पटवारी बोले
MP News: मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों को विधायकों और सांसदों को सलामी देने के निर्देश संबंधी खबरों पर कांग्रेस ने गहरी चिंता जताई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार (26 अप्रैल) को कहा कि इस तरह का आदेश पुलिस बल के मनोबल को कमजोर करेगा और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आघात है.
दरअसल, मीडिया के कुछ वर्गों में खबर आई है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने 24 अप्रैल को एक परिपत्र जारी कर वर्दीधारी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे विधायकों और सांसदों को सरकारी कार्यक्रमों में अभिवादन करते समय ‘सलामी’ दें. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पटवारी ने कहा कि यह परिपत्र न केवल पुलिस बल का अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ भी है.
पुलिस बिना भय और पक्षपात के कैसे करेगी काम- पटवारी
पटवारी ने अपने बयान में कहा, “मध्य प्रदेश पुलिस पहले ही अनुचित राजनीतिक दबाव के चलते कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है. कई जगहों पर पुलिसकर्मियों पर हमले हुए हैं. ऐसे में यदि BJP के विधायक माफियाओं और असामाजिक तत्वों को बचाने के लिए पुलिस थानों पर दबाव बनाएंगे, तो क्या वर्दीधारी पुलिसकर्मी उन्हें सलामी देंगे? पुलिस बिना भय और पक्षपात के कैसे काम कर सकेगी?”
अलोकतांत्रिक, अहंकारी और अपमानजनक- पटवारी
उन्होंने इस आदेश को ‘अलोकतांत्रिक, अहंकारी और अपमानजनक’ करार देते हुए तत्काल वापस लेने की मांग की. पटवारी ने यह भी आरोप लगाया कि यह कदम पुलिस प्रशासन को राजनीतिक प्रभाव में लेने का प्रयास है, जो कानून व्यवस्था की स्वतंत्रता के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
इस मुद्दे पर डीजीपी कैलाश मकवाना और राज्य पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) आशीष शर्मा से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.
सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले भी जनप्रतिनिधियों के स्वागत से संबंधित परिपत्र जारी किए जाते रहे हैं, जिनमें वर्दीधारी अधिकारियों को गर्मजोशी से स्वागत करने और पदानुक्रम के अनुसार सम्मान देने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन इस बार पहली बार ‘सलामी’ शब्द को स्पष्ट रूप से परिपत्र में शामिल किया गया है, जिससे विवाद गहरा गया है.
कांग्रेस का कहना है कि लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधियों का सम्मान होना चाहिए, लेकिन इस तरह वर्दीधारी पुलिसकर्मियों से सलामी दिलवाना उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसा है.