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Karnataka Deputy CM DK Shivakumar reacts on order to not allow religious symbols in the railway exam centres more details


Karnataka News: कर्नाटक में रेलवे भर्ती परीक्षाओं के दौरान धार्मिक प्रतीकों पर लगे प्रतिबंध पर उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि मंगलसूत्र, जनेऊ, कर्णफूल या कमरबंद जैसे धार्मिक चिह्नों को हटाना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षा जांच के लिए जरूरी हो तो इन्हें जांचा जा सकता है, लेकिन इन्हें हटाने का आदेश गलत है.

उन्होंने कहा, “अगर कोई चीज धार्मिक है, जैसे ‘मंगलसूत्र’ या ‘जनेऊ’ (पवित्र धागा) तो जरूरत पड़ने पर उसकी जांच की जा सकती है, लेकिन उन्हें हटाना सही नहीं है. हम साफ तौर पर कह रहे हैं कि किसी भी धार्मिक चिन्ह, जैसे- बालियां, मंगलसूत्र, जनेऊ या कमरबंद की जांच की जा सकती है. इसमें कोई गलती नहीं है, लेकिन पहले कुछ मामलों में लोगों ने कान में छोटे उपकरण छुपा लिए थे, जो सही नहीं है. यह (जो नया आदेश है) वापस लिया जाना चाहिए. मेरा मानना है कि जो भी चीज जनता में गुस्सा पैदा करती है उसे हटाना चाहिए. मैं अपील करता हूं कि ऐसे नियमों को वापस लिया जाए.”

जानें क्या है पूरा मामला

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक के शिवमोगा जिले में CET परीक्षा के दौरान छात्रों से जनेऊ और रक्षा सूत्र (कलावा) उतारने को कहा गया. इस मामले में मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए एग्जाम अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के दौरान परीक्षा देने वाले छात्रों को कलावा उतारने के लिए कहा गया था. इस घटना को कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया.

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