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कनाडा में खालिस्तान पर वोट का वार, जगमीत सिंह की अपनी सीट नहीं बची- पार्टी चीफ का छोड़ा पद



Canada Election Results 2025: कनाडा में हुए आम चुनावों में भारत के नजरिए से सबसे बड़ी खबर यह है कि बर्नाबी सेंट्रल सीट से नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) नेता जगमीत सिंह हार गए हैं. इस हार को स्वीकार करते हुए जगमीत सिंह ने पार्टी का नेतृत्व छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक कोई नया नेता नहीं मिल जाता तब तक वह अंतरिम पद पर बने रहेंगे. जगमीत सिंह ने NDP चुनाव पार्टी में अपने समर्थकों और उनके परिवार को धन्यवाद दिया और लिबरल नेता मार्क कार्नी को उनकी जीत पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि कनाडा को डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों से बचाने के लिए मार्क कार्नी को एक महत्वपूर्ण काम करना है.

खालिस्तान समर्थक रुख रखने वाले जगमीत सिंह की पार्टी, NDP ने सभी 343 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन पार्टी केवल 8 सीटों पर आगे चल रही है. पिछले यानी 2021 के चुनाव में 24 सीटें जीतकर चौथे नंबर पर रहने वाली पार्टी इस बार 12 सीटों के नीचे रह गई है और इस वजह से उसने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खो दिया है. इस नतीजे को कनाडा में खालिस्तान समर्थकों के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि एनडीपी के नेता जगमीत सिंह को खालिस्तानी समर्थक के रूप में पहचाना जाता है.

जगमीत सिंह अपना तीसरा चुनाव लड़ रहे थे. वो ब्रिटिश कोलंबिया में अपनी बर्नाबी सेंट्रल सीट एक लिबरल उम्मीदवार से हार गए. जहां जगमीत सिंह को लगभग 27.3 प्रतिशत वोट मिले, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी वेड चांग को 40 प्रतिशत से अधिक वोट मिले.

वकील रहे जगमीत सिंह का जन्म 2 जनवरी, 1979 को स्कारबोरो, ओन्टारियो में हुआ था. इस क्षेत्र में पंजाब से आए बड़ी संख्या में भारतीय अप्रवासी रहते हैं. उन्होंने फैशन डिजाइनर गुरकिरन कौर सिद्धू से शादी की है, जिनके साथ उनके दो बच्चे हैं.

अर्श से फर्श तक?

डेढ़ शताब्दी तक, कनाडा के प्रमुख राजनीतिक दलों का नेतृत्व केवल श्वेत राजनेताओं द्वारा किया गया था. लेकिन यह 2017 में बदल गया, जब जगमीत सिंह एक प्रमुख संघीय पार्टी का नेतृत्व करने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति बन गए, जिन्होंने पहले मतदान में एनडीपी नेतृत्व को जीत लिया. सालों तक, अपनी थोड़ी लेकिन अहम सीटों की बदौलत जगमीत सिंह ने कनाडा के संसद में संतुलन की भूमिका निभाई थी, पूर्व लिबरल प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की अल्पमत सरकार को आगे बढ़ाया. हालांकि 2024 में, उन्होंने ट्रूडो सरकार से समर्थन खींच लिया. जगमीत सिंह ने उस समय ट्रूडो पर कॉर्पोरेट हितों के आगे झुकने और आम कनाडाई लोगों को विफल करने का आरोप लगाते हुए कहा, “लिबरल बहुत कमजोर हैं.”





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