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IAS Ashok Khemka retirement today 30 April transferred 57 times in his carrier


Ashok Khemka Retirement News: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सीनियर अधिकारी अशोक खेमका बुधवार (30 अप्रैल) को रिटायर हो जाएंगे. अपनी ईमानदारी के लिए चर्चित खेमका को अपने 34 वर्ष के करियर के दौरान 57 बार ट्रांसफर किया गया, जो शायद राज्य की नौकरशाही में सर्वाधिक आंकड़ा है. खेमका परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त होंगे. उन्हें दिसंबर 2024 में उनके वर्तमान पद पर स्थानांतरित किया गया था.

हरियाणा कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी 2012 में उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा से जुड़े गुरुग्राम भूमि सौदे का दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) रद्द कर दिया था. ‘म्यूटेशन’ भूमि के किसी टुकड़े के स्वामित्व को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है. 

बीटेक समेत अशोक खेमका के पास कई डिग्री

तीस अप्रैल, 1965 को कोलकाता में जन्मे खेमका ने 1988 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) की डिग्री हासिल की. इसके बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एंड फाइनेंस में एमबीए किया. सेवा में रहते हुए उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से विधि स्नातक (एलएलबी) की डिग्री भी हासिल की.

खेमका को खट्टर सरकार के दौरान हटाया गया था

खेमका पिछले वर्ष दिसंबर में परिवहन विभाग में वापस आ गए थे. फिलहाल अनिल विज संबंधित विभाग के मंत्री हैं. मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में परिवहन आयुक्त के पद से उनके तबादले के लगभग 10 साल बाद उन्हें फिर से इस विभाग में लाया गया. खेमका को तत्कालीन खट्टर सरकार के दौरान जब हटाया गया था उससे पहले वह केवल चार महीने ही परिवहन विभाग में रहे थे.वर्ष 2023 में खेमका ने खट्टर को पत्र लिखकर सतर्कता विभाग में एक बार तैनाती मांगी थी और ‘भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म’’ करने की पेशकश की थी.

विजिलेंस डिपार्टमेंट में मांगी थी पोस्टिंग

उन्होंने कहा, ”भ्रष्टाचार को खत्म करने के अति उत्साह में उन्होंने अपने करियर का बलिदान किया है. उस वक्त कहा था कि यद्यपि उन्हें अभिलेखागार विभाग में तैनात किया गया है, लेकिन वहां पर्याप्त काम नहीं है, लेकिन कुछ अधिकारियों पर कई प्रभार और विभागों का बोझ है, जिसके कारण उन्हें हमेशा संघर्ष करना पड़ता है. खेमका ने 23 जनवरी, 2023 को लिखे पत्र में कहा था, ‘कार्य का असंतुलित वितरण जनहित में नहीं है. ‘

आईएएस अधिकारी ने यह भी लिखा था, ‘‘अपने सेवाकाल के अंतिम चरण में मैं भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सतर्कता विभाग का नेतृत्व करने के वास्ते अपनी सेवाओं की पेशकश करता हूं.’’

उन्होंने लिखा था, ‘‘अगर मौका मिला, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ असली लड़ाई होगी और कोई भी बड़ा और शक्तिशाली व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा.’’दो साल पहले कई पदोन्नतियों के बाद खेमका ने ट्वीट किया था, ‘‘भारत सरकार के सचिव के रूप में नियुक्त मेरे बैच के साथियों को बधाई! यह खुशी का अवसर तो है, लेकिन साथ ही खुद को पीछे छोड़ देने की निराशा भी उतनी ही है. अत्यधिक ईमानदारी हानिकारक हो सकती है. कोई अफसोस नहीं. नये संकल्प के साथ मैं काम जारी रखूंगा.’’

हर 6 महीने में खेमका का होता रहा तबादला

पिछले 12 वर्षों से भी अधिक समय से खेमका को ‘कम महत्वपूर्ण’ (लो प्रोफाइल) माने जाने वाले विभागों में तैनात किया गया. अपने पूरे करियर में औसतन हर छह महीने में उनका तबादला होता रहा है. इससे पहले उन्हें चौथी बार अभिलेखागार विभाग में तैनात किया गया था – इनमें से तीन बार वह भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में ही तैनात हुए थे. इससे पहले वह अभिलेखागार विभाग के महानिदेशक के पद पर कार्यरत थे, जबकि बाद में उन्हें प्रधान सचिव बनाया गया था. उन्हें पहली बार 2013 में अभिलेखागार विभाग में स्थानांतरित किया गया था जब कांग्रेस सत्ता में थी.



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