Delhi police absconding head constable held on charges of corruption
Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर कानून का रखवाला बनकर घूम रहा एक हेड कॉन्स्टेबल खुद कानून तोड़ता पकड़ा गया. जाफरपुर कलां थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल गजेन्द्र सिंह को विजिलेंस यूनिट ने 25,000 की रिश्वत मांगने, स्वीकारने और गिरफ्तारी से बचने के लिए भागने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी पुलिस की उस परत को उजागर करती है, जो जनता के सामने कुछ और है, और भीतर से कुछ और.
विजिलेंस यूनिट को शिकायत मिली कि हेड कॉन्स्टेबल गजेन्द्र सिंह एक स्थानीय नागरिक से उसके खाली प्लॉट पर निर्माण करने की अनुमति देने के बदले 25,000 रुपये की मांग कर रहा है. यूनिट ने 4 अप्रैल को प्लानिंग के साथ ट्रैप बिछाया. तय स्थान पर, गजेन्द्र सिंह ने अपनी कार में बैठकर जैसे ही नोटों की गड्डी हाथ में ली, टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की. लेकिन वर्दी में छिपा अपराधी सतर्क था वह अपनी कार स्टार्ट कर मौके से भाग निकला. इसी अफरा-तफरी में उसने विजिलेंस स्टाफ को भी टक्कर मार दी.
फरार सिपाही बना ‘मोस्ट वॉन्टेड’
इस घटना के बाद तुरंत मामला दर्ज किया गया भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की नई धाराओं 121(1), 132, 221, 238 के तहत केस बनाया गया. पुलिस महकमे हिल गया. गजेन्द्र सिंह को सस्पेंड कर दिया गया. लेकिन आरोपी फरार हो गया. अदालत में उसने अग्रिम जमानत की अर्जी दी, जिसे राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कानून की रक्षा करने वाला खुद ही अपराधी बन गया है..
21 दिन की दौड़ के बाद गिरफ्तारी
25 अप्रैल को आखिरकार विजिलेंस की टीम ने उसे धर दबोचा. पुलिस रिमांड पर पूछताछ जारी है उसे मिली रिश्वत की रकम, वर्दी और अन्य सबूतों की बरामदगी होनी बाकी है.फिलहाल इस मामले में विजिलेंस टीम जांच कर रही है.
विजिलेंस यूनिट की अपील – ‘आवाज़ उठाएं’
दिल्ली पुलिस की विजिलेंस यूनिट ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा अधिकारों का दुरुपयोग किया जाता है या रिश्वत मांगी जाती है, तो बिना डरे इसकी सूचना दी जाए.
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