India Pakistan Tension Why MHA Ordered Nationwide Mock Drill On 7 May First Since 1971 War Know Big Updates
MHA Mock Drill Order: 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है. इस बीच गृह मंत्रालय ने पूरे देश में मॉक ड्रिल कराने का आदेश जारी किया है. 1971 के बाद से पहली बार है जब इस तरह का आदेश केंद्र सरकार की ओर से जारी किया गया हो. हमले की स्थिति में सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग बुधवार (7 मई, 2025) को कराई जाएगी.
यह आदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिल्ली में की गई उच्च स्तरीय बैठकों के बाद आया है, जिसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर भारत की जवाबी कार्रवाई पर चर्चा की गई थी. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे.
यह आदेश पाकिस्तान की ओर से भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच दो दिनों में दूसरा मिसाइल परीक्षण करने के कुछ घंटों बाद आया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि सफल परीक्षण से यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान की रक्षा मजबूत हाथों में है.
बड़ी बातें-
1. गृह मंत्रालय के मुताबिक, मॉक ड्रिल मुख्य उद्देश्य हवाई हमले के वॉर्निंग सिस्टम की प्रभावशीलता का आकलन करना है. इसके अलावा, भारतीय वायु सेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो कम्युनिकेशन लिंक का संचालन.
2. कंट्रोल रूम्स और शैडो कंट्रोल रूम्स की कार्यक्षमता का परीक्षण करना.
3. दुश्मन के हमले की स्थिति में खुद की रक्षा के लिए नागरिकों, छात्रों आदि को नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर ट्रेनिंग देना.
4. क्रैश ब्लैकआउट उपायों का प्रावधान.
5. महत्वपूर्ण संयंत्र/स्थापना को जल्द से जल्द छिपाने का प्रावधान.
6. वार्डन सर्विस, अग्निशमन, बचाव कार्यों और डिपो मैनेजमेंट सहित नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता और प्रतिक्रिया को सत्यापित करना.
7. क्रैश ब्लैकआउट उपायों के कार्यान्वयन का आकलन करना.
8. निकासी योजनाओं की तैयारी और उनके कार्यान्वयन का मूल्यांकन करना.
9. लेटर में कहा गया है, “अभ्यास का आयोजन गांव स्तर तक करने की योजना बनाई गई है. इस अभ्यास का उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है.”
10. गृह मंत्रालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि इस अभ्यास में जिला नियंत्रकों, स्थानीय प्राधिकारियों, नागरिक सुरक्षा वार्डनों, स्वयंसेवकों, होमगार्डों (सक्रिय और रिजर्व दोनों), राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) के सदस्यों और कॉलेज स्कूल के छात्रों की सक्रिय भागीदारी की उम्मीद है.