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Delhi News Congress leader Devender Yadav attacks BJP and AAP ann


Delhi News: दिल्ली में सफाई व्यवस्था को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) पर सफाई के नाम पर सिर्फ दिखावा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मेयर और NDMC चेयरमैन मेगा सफाई अभियान में जमीनी काम करने की बजाय सिर्फ फोटो खिंचवाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं.

देवेंद्र यादव ने कहा कि नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड की सिफारिश के मुताबिक, दिल्ली जैसे शहर में प्रति हजार निवासियों पर 3-6 सफाई कर्मचारी होने चाहिए. यानी दिल्ली को 2 लाख सफाई कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन हकीकत में यह संख्या 60 हजार से भी कम है. ज्यादातर सफाई कर्मचारी ठेके पर काम करते हैं, जिससे सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है.

कूड़े के पहाड़ और प्रदूषण का खतरा
यादव ने दिल्ली की लैंडफिल साइटों को ‘कूड़े का पहाड़’ बताते हुए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के 15 साल के MCD शासन में लैंडफिल साइटें कूड़े के ढेर में बदल गईं. इन साइटों से निकलने वाली जहरीली गैसें आसपास के लोगों में सांस और फेफड़ों की बीमारियां फैला रही हैं. सरकारें लैंडफिल हटाने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते यह काम सिर्फ कागजों पर हो रहा है.

स्वच्छ भारत अभियान की नाकामी
कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को भी नाकाम बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ दिल्ली को साफ-सुथरा बनाने में पूरी तरह फेल रही है. हाल ही में 2 मई की बेमौसम बारिश में दिल्ली की सड़कें जलभराव से चोक हो गई थीं, जो सरकार की नाकामी का सबूत है.

AAP के वादे भी खोखले  
यादव ने AAP पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि AAP ने 11 साल पहले दिल्ली को लंदन-पैरिस बनाने और लैंडफिल साइटें खत्म करने के बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन आज दिल्ली की सफाई व्यवस्था बदहाल है. बीजेपी और AAP की आपसी सियासत ने दिल्ली को कूड़े के ढेर पर लाकर खड़ा कर दिया है.

क्या है समाधान?
देवेंद्र यादव ने सुझाव दिया कि बीजेपी को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के साथ मिलकर सफाई और जनकल्याण के अभियान चलाने चाहिए. उन्होंने मांग की कि MCD, NDMC, दिल्ली सरकार, DDA और PWD जैसे विभागों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती जल्द से जल्द की जाए. साथ ही, ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की जगह स्थायी भर्ती पर जोर दिया जाए.

दिल्ली की जनता कूड़े और गंदगी से परेशान है. लैंडफिल साइटों से फैलने वाला प्रदूषण और बदहाल सफाई व्यवस्था लोगों के सब्र का इम्तिहान ले रही है. बीजेपी और AAP की ओर से इस मुद्दे पर अभी कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन कांग्रेस के इन आरोपों ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है. अब सवाल यह है कि क्या दिल्ली को स्वच्छ बनाने का सपना हकीकत बनेगा?



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