Operation Sindoor India Strikes in Pakistan what defence minister Rajnath Singh about hanuman kand used
Operation Sindoor: भारतीय सेना की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई सफल सैन्य कार्रवाई ने पूरे देश को गर्व से भर दिया. 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और POK में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का निर्णायक जवाब दिया. इस ऐतिहासिक सफलता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रामचरितमानस के सुंदरकांड से एक महत्वपूर्ण चौपाई “जिन्ह मोहि मारा, ते मैं मारे” का उदाहरण देकर भारत की नीति को धार्मिक तरीके से समझाने की कोशिश की.
राजनाथ सिंह ने भारत की सैन्य सोच को हनुमान जी की नीति के समान बताया. उन्होंने कहा कि हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा. इससे ये पता चलता है कि भारत कोई युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवादियों के प्रति जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाता है. भारत की सेना ने किसी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को नहीं छुआ. उन्होंने केवल जैश, लश्कर और हिजबुल के आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया.
क्या है सुंदरकांड की चौपाई का वास्तविक अर्थ
“जिन्ह मोहि मारा, ते मैं मारे. तेहि पर बांधेउं तनयं तुम्हारे॥
मोहि न कछु बांधे कइ लाजा. कीन्ह चहउं निज प्रभु कर काजा॥”
यह चौपाई तब की है जब हनुमान जी रावण के दरबार में उपस्थित होते हैं. उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने रावण के पुत्र अक्षय कुमार और कई राक्षसों को क्यों मारा. हनुमान जी इसका जवाब सच्चाई और नीति से देते हैं. वह कहते हैं मैंने केवल उनका वध किया, जिन्होंने मुझ पर आक्रमण किया. मैंने किसी निर्दोष को नहीं छुआ.
ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय दर्शन का मेल
भगवान हनुमान की नीति किसी भी राष्ट्र के लिए राजनयिक आदर्श बन सकती है, जब कर्म धर्म के लिए हो तो उत्तरदायित्व के साथ जवाब देना ही नीति है. ऑपरेशन सिंदूर महज एक सैन्य अभियान नहीं था. यह भारत का यह संदेश था कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे. हम जवाब देंगे, लेकिन न्याय के साथ.