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Foreign Secretary Vikram Misri Trolled On Social Media Asaduddin Owaisi Says He Is Very Decent Hard Working And Honest Diplomat


Asaduddin Owaisi Backs Vikram Misri: भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच सीजफायर हो गया. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर विदेश सचिव विक्रम मिसरी को ट्रोल किया जाने लगा. एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्रोलर की आलोचना की और कहा कि वो बेहद ही सभ्य, मेहनती और ईमानदार राजनयिक हैं.

दरअसल ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ विक्रम मिसरी चेहरा रहे हैं. उन्होंने इस तनावपूर्ण स्थिति में भारत की स्थिति को स्पष्ट किया. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “श्री विक्रम मिसरी एक सभ्य और ईमानदार मेहनती राजनयिक हैं जो हमारे देश के लिए अथक परिश्रम कर रहे हैं. हमारे सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, यह याद रखना चाहिए और उन्हें कार्यपालिका या वतन ए अज़ीज़ चलाने वाले किसी भी राजनीतिक नेतृत्व की ओर से लिए गए निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए.”

अखिलेश यादव ने किया इस तरह बचाव 

सपा प्रमुख ने कहा, “निर्णय तो सरकार का होता है; किसी अधिकारी का नहीं. ये बेहद संवेदनशील, निंदनीय, शर्मनाक, आपत्तिजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि देश के एक बहुत बड़े अधिकारी और उसके परिवार के ख़िलाफ़ कुछ असामाजिक-आपराधिक तत्व सरेआम अपशब्दों की सारी सीमाएं तोड़ रहे हैं लेकिन उनके मान-सम्मान की रक्षा के लिए न तो भाजपा सरकार, न ही उनका कोई मंत्री सामने आकर ऐसी अवांछित पोस्ट करनेवालों के ख़िलाफ़ किसी कार्रवाई की बात कर रहा है. ऐसी पोस्ट और बयानों से, दिन-रात एक करके देश के लिए समर्पित रहनेवाले सत्यनिष्ठ अधिकारियों का मनोबल टूटता है.”

उन्होंने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा, “कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा सरकार अपनी नाकामी और नाकामयाबी के लिए किसी और की ओर ध्यान भटकाकर ख़ुद बचना चाह रही हो. भाजपा सरकार से हमारी खुली मांग है कि इन सबकी तुरंत गहरी जांच हो और इनके सोशल मीडिया एकाउंट्स और बैंक खाते से लेकर ई-पेमेंट के सभी एकाउंट्स का पूरा ब्यौरा निकाला जाए. आज ही, तुरंत, तत्काल अभी ही ईडी, सीबीआई, साइबर सिक्योरिटी व अन्य जांच एजेंसियों को असली काम पर लगाया जाए और पता किया जाए कि इनके पीछे कौन सी ताक़तें काम कर रही हैं और ये राष्ट्र विरोधी लोग किस विदेशी ताक़तों से पैसा लेकर देश में अमन-चैन-शांति को भंग करना चाहते हैं.”

अखिलेश यादव ने आगे कहा, “जो भाजपा सरकार बात-बात पर देश की सुरक्षा की आशंका के नाम पर प्रतिष्ठित यू ट्यूब चैनल्स को बंद कर देती है, वो ऐसे लोगों के बारे में चुप क्यों है? अगर ये सब भाजपा की रज़ामंदी से नहीं हो रहा है तो ये और भी गंभीर मसला है और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए अत्यंत ख़तरनाक बात भी है क्योंकि ऐसे तत्व देश के अंदर बैठे हैं और भाजपा सरकार उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ पा रही है. ये वही लोग हैं जो किसी के भी ख़िलाफ़ सरेआम ज़हरीली बातें लिखते हैं लेकिन उनका बाल भी बांका नहीं होता. चंद पैसों के लिए बिक जानेवाले ये लोग किसी के भी सगे नहीं हो सकते हैं. ऐसे लोगों को रोकने के लिए भाजपा सरकार ने अगर 24 घंटे में कोई क़दम नहीं उठाया तो देश की जनता को ये समझते देर नहीं लगेगी कि ये किसके लोग हैं, किसके लिए काम करते हैं, कौन उन्हें बचा रहा है और क्यों. भाजपा की चुप्पी उसकी संलिप्तता मानी जाएगी.”

कांग्रेस नेता ने भी किया विक्रम मिसरी का बचाव

इससे पहले कांग्रेस नेता सलमान अनीस सोज ने मिसरी का बचाव करते हुए कहा, “विक्रम मिसरी एक कश्मीरी हैं और उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया है. उन्हें जितनी भी ट्रोलिंग की जाए, देश के प्रति उनकी सेवा को कम नहीं किया जा सकता. अगर आप शुक्रिया नहीं कह सकते, तो चुप रहना सीखिए.”

इसके अलावा, एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि उनको निशाना बनाया जाना बहुत, बहुत दुखद है. उन्होंने कहा, “हम बिना किसी हिचकिचाहट के कह सकते हैं कि ये तीनों (मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह) हमारे दृढ़ संकल्प, उद्देश्य की स्पष्टता, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास की भावना का एक उदाहरण हैं. देश में ऐसे लोग हैं जो उच्च स्तर पर लिए गए निर्णयों और आधुनिक समय में प्रबुद्ध स्वार्थ में लिए गए निर्णयों के लिए किसी को भी ट्रोल कर सकते हैं. हम कट्टरपंथियों का देश नहीं हैं.” उन्होंने कहा, इस तरह से अधिकारियों पर दबाव डालना बहुत दुखद है.

‘ये बेहद ही शर्मनाक है’

पूर्व राजनयिक नवदीप सूरी ने कहा कि मिसरी को ट्रोल करना शर्मनाक है. उन्होंने कहा, “विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार को ट्रोल करते देखना बेहद घृणित है. वे पेशेवराना छवि के प्रतीक रहे हैं – शांत, संयमित, संतुलित और स्पष्ट लेकिन हमारे समाज के एक वर्ग के रक्तपिपासु लोगों के लिए यह पर्याप्त नहीं है. शर्मनाक.”

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