भारत-पाकिस्तान DGMO को बीच आज फिर होगी बात! सीजफायर का न हो उल्लंघन, इंडिया देगा क्लियर मैसेज
India-Pakistan Tension: सीजफायर पर बनी सहमति के बाद भारत-पाकिस्तान के DGMO के बीच आज मीटिंग होगी. भारत के DGMO राजीव घई और पाकिस्तान के समकक्ष जनरल काशिफ चौधरी दोपहर 12 बजे महत्वपूर्ण बातचीत करेंगे. यह बैठक 10 मई को सीजफायर का ऐलान करने के बाद होने जा रही है. युद्ध विराम समझौते की शुरुआत तब हुई थी, जब पाकिस्तानी DGMO ने 10 मई को भारतीय समकक्ष को संभावित युद्ध को रोकने का प्रस्ताव दिया था. कुछ घंटों बाद, दोनों पक्षों की तरफ से सीजफायर का आधिकारिक रूप से ऐलान किया गया. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि DGMO-स्तरीय वार्ता का अगला दौर 12 मई को निर्धारित जाएगा.
भारत की तरफ से 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 नागरिकों की जवाबी कार्रवाई के रूप में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया था. इसके तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया. भारतीय सेना ने बताया कि इन हमलों में सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया और नागरिकों को नुकसान से बचाया गया.
पाकिस्तान की जवाबी कोशिश और LOC पर फिर से तनाव
भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक क्षेत्रों पर हमलों का प्रयास किया, जिससे सीमावर्ती इलाकों में तनाव और बढ़ गया. सीजफायर की घोषणा के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर भारी गोलाबारी की गई. हालांकि, इसके बाद रविवार की रात बॉर्डर पर शांति रही.
भारत की स्पष्ट रणनीति: सिर्फ DGMO स्तर तक बातचीत
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर या सिंधु जल संधि जैसे संवेदनशील मुद्दे इस बातचीत का हिस्सा नहीं होंगे. सरकार ने यह भी दोहराया कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कोई कूटनीतिक संवाद फिलहाल प्रस्तावित नहीं है. भारत का रुख बेहद साफ है. अब केवल एक ही मुद्दा बचा है, जो है पीओके की वापसी. अगर पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने की बात करता है तभी भारत किसी आगे की चर्चा पर विचार करेगा.
ट्रंप की मध्यस्थता पर भारत का सख्त विरोध
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत-पाक के बीच कश्मीर विवाद में मध्यस्थता की इच्छा जताई थी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया, लेकिन भारत ने इस विचार को सिरे से खारिज कर दिया. सरकारी सूत्रों के अनुसार हम किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नहीं मानते. यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है.