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Delhi Police cyber racket busted four accused including bank employee arrested ann


Delhi Crime News: दिल्ली पुलिस ने एक बड़े साइबर रैकेट का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं. यह रैकेट एक नकली ट्रेडिंग ऐप के जरिए लोगों को लुभाकर उनसे लाखों रुपये ठगने का काम कर रहा था. दिलचस्प बात यह है कि इस पूरे धोखाधड़ी के खेल में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है, जो फर्जी खातों को आसानी से खोलने में मदद कर रहे थे.

पूरी साजिश की शुरुआत फेसबुक पर एक विज्ञापन से हुई, जिसमें निवेशकों को “मल्टीबैगर रिटर्न” का वादा किया गया था. दिल्ली के पटेल नगर निवासी एक व्यक्ति ने जब इस विज्ञापन पर क्लिक किया, तो उसे एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ लिया गया और उसे एक एप्लिकेशन ‘QuantsAIS’ डाउनलोड करने के लिए कहा गया. 

लाभ की उम्मीद में 16.70 लाख और निवेश कर दिए
शुरुआत में इस ऐप ने थोड़े छोटे-छोटे मुनाफे दिखाए, जिससे उसका विश्वास और बढ़ गया. उसे विश्वास दिलाया गया कि वह जल्दी ही बड़ा पैसा कमा सकता है. जल्द ही उसने 10,000 से शुरुआत की और फिर आकर्षक लाभ की उम्मीद में 16.70 लाख और निवेश कर दिए. लेकिन जब वह अपनी रकम निकालने की कोशिश करने लगा, तो उसे व्हाट्सएप ग्रुप से बाहर कर दिया गया और वह समझ गया कि उसे ठगा गया है.

पुलिस की सख्त कार्रवाई चार गिरफ्तार
शिकायत मिलने के बाद साइबर पुलिस स्टेशन, सेंट्रल जिला ने जांच शुरू की. पुलिस टीम ने तुरंत तकनीकी विश्लेषण करना शुरू किया और पता चला कि ठगी की गई राशि को एक फर्जी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया गया था, जो ‘धर्म एंटरप्राइजेज’ नामक कंपनी के नाम पर खोला गया था. यह अकाउंट IDFC बैंक में था और उसका संचालन करने वाला व्यक्ति अमन कुमार था, जो हापुड़, यूपी का निवासी है. 9 अप्रैल 2025 को उसे हापुड़ से गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी गिरफ्तारी के बाद, पुलिस को और भी चौंकाने वाले राज़ सामने आए.

फर्जी दस्तावेजों से शेल कंपनियां बनाकर खाते खोलने का तरीका
पूछताछ के दौरान, राहुल त्यागी का नाम सामने आया, जो खाता खोलने में मदद करता था. वह फर्जी दस्तावेजों के सहारे शेल कंपनियां बनाता और उनके नाम पर चालू बैंक खाते खुलवाता था. जांच में यह भी सामने आया कि इन खातों को साइबर ठगों को बेचने के लिए बनाया गया था, ताकि वे धोखाधड़ी की रकम को सफाई से हड़प सकें.

दूसरी हैरान करने वाली गिरफ्तारी
अगली गिरफ्तारी में पुलिस ने अंकित नगर और अभिषेक सिंह दो बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया. ये दोनों बैंक कर्मचारी आरोपियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खाता खोलने में मदद कर रहे थे. इनकी मिलीभगत से यह रैकेट तेजी से फैलता गया.

बैंकिंग प्रणाली में खामी, धोखाधड़ी का आसान रास्ता
यह पूरे रैकेट का खुलासा बैंकिंग प्रणाली की कमजोरियों को भी उजागर करता है. शेल कंपनियों के नाम पर खाता खोलने और फर्जी दस्तावेजों को बिना जांचे-परखे स्वीकार कर लिया गया. इससे यह साबित होता है कि बैंकिंग सिस्टम में गंभीर खामियां हैं, जिन्हें सुधारने की सख्त जरूरत है.

जांच जारी,और भी हो सकते हैं गिरफ्तार
साइबर पुलिस ने रैकेट के और भी सदस्यों को पकड़ने के लिए जांच तेज कर दी है. पुलिस को शक है कि इस गिरोह के और भी सदस्य सक्रिय हैं और कई फर्जी बैंक खाते खोलने में मदद कर रहे थे. इस मामले की गहराई में जाकर और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.

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