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बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए नोएडा में लगाए गए ‘मिस्ट टावर स्प्रे, जानें कैसे करेंगे हवा साफ



नोएडा:

बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने एक अनोखी पहल के तहत सेक्टर 15 और 16 मेट्रो स्टेशन के बीच ‘मिस्ट टावर स्प्रे’ लगाए हैं. नोएडा प्राधिकरण ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डिवाइडर पर लगे बिजली के खभों पर मिस्ट टावर स्प्रे  लगाए गए हैं. इसमें से पानी की महीन बूंदे निकलती हैं, जो वायु में मौजूद धूल के कण को कम करने में मदद करेगी. बता दें धूल से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए प्राधिकरण, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों के साथ एंटी स्मॉग गन का उपयोग पानी के छिड़काव के लिए करता है. इस पर काफी खर्च होता है.

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मिस्ट टावर स्प्रे को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. सेक्टर 15 स्थित गुलमोहर मार्केट के सामने डिवाइडर पर बिजली के खंभों में 6 नोजल वली बारीक पाइप लाइन लगाई गई है, जो सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम को 6 बजे से 9 बजे तक हर 10 मिनट में प्रदूषण पर पानी का छिड़काव करती हैं. यह छिड़काव एंटी स्मोक गन के समान होता है, जो प्रदूषण में मौजूद धूल कणों को जमीन पर बैठा देती है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार नोएडा और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में होने पर इस छिड़काव से प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी. नोएडा प्रदेश प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम ने बताया कि इस प्रणाली का एक लाभ यह भी है कि सड़कों के किनारे अतिरिक्त बुनियादी ढांचे बनाने की आवश्यकता नहीं होती है. प्रदूषण वाले स्थान पर सड़कों और सड़कों के किनारे बिजली के खंभों पर मिस्ट स्पेयर लगाये गये हैं. इसे पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर लगाया गया है. अभी एक स्ट्रेच पर लगाया गया है. इसके बाद दूसरा स्ट्रेच लगाया जाएगा. एक बार परीक्षण सफल होने पर इसको शहर की मुख्य सड़कों पर लगाया जाएगा. ताकि यहां प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके.

करीब 50 लाख का खर्च

अथॉरिटी के जीएम जल आर पी सिंह ने बताया कि मिस्ट स्प्रे से पानी की फुहार छोड़ी जा रही है. ये स्प्रे सुबह 8 से 11 और और शाम को 6 से 9 बजे तक 10 मिनट के अंतराल पर चलाए जा रहे है. अभी इनको सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन से सेक्टर-16 की ओर करीब 700 मीटर स्ट्रेच में लगाया गया है. उन्होंने बताया कि एक घंटे में एक पोल पर स्प्रे के लिए 30 लीटर आरओ पानी की जरूरत होती है. आरओ प्लांट, 5000 लीटर का वाटर टैंक, स्वचालित कंट्रोल पैनल द्वार नियंत्रित होता है. इसको लगाने में करीब 50 लाख का खर्च हो रहा है.

शहर के लाखों लोग साफ हवा में सांस ले पाएंगे

जीएम ने बताया कि मिस्ट स्प्रे सिस्टम पीक आवर्स में गर्मी कम करने में मदद करेगा, धूल प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा, कणों को आकर्षित करने के लिए बारीक पानी की धुंध का छिड़काव करता है. जिससे सभी स्रोतों से और उड़ने वाली मिट्टी या सड़क की धूल, एलर्जी आदि से पर्टिकुलेट मैटर (PM) से निपटा जा सकता है. प्रोजेक्ट के सफल होने से शहर के लाखों लोग साफ हवा में सांस ले पाएंगे. एक बार परीक्षण सफल होने पर इसको शहर की मुख्य सड़कों पर लगाया जाएगा. ताकि यहां प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके.





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