TMC Leader west bengal cm Mamata Banerjee reaction over yusuf pathan after declines foreign delegation for operation sindoor
Mamata Banerjee On Yusuf Pathan: भारत सरकार ने पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के समर्थन के लिए बेनकाब करने की योजना के तहत देश के अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल दुनिया के प्रमुख देशों में भेजने का फैसला किया है. इसमें बीजेपी और कांग्रेस के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों के सांसदों को भी शामिल किया गया है, लेकिन इस कूटनीतिक पहल में एक नया मोड़ तब आया जब पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने प्रतिनिधिमंडल के साथ विदेश दौरे पर जाने से इनकार कर दिया.
केंद्र सरकार ने यूसुफ पठान को सीधे प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए संपर्क किया था. इस पर टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्मंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि विदेश नीति के मुद्दे पर पार्टी केंद्र सरकार का समर्थन करती है, लेकिन किसी सांसद का चयन पार्टी से पूछे बिना करना नियमों के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि वे (केंद्र) नाम तय नहीं कर सकते. यदि वे मूल पार्टी से अनुरोध करते हैं, तो पार्टी नाम तय करेगी. यह प्रथा है; यह सिस्टम है.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीएमसी से कोई भी सांसद इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं बनेगा, चाहे वो यूसुफ पठान हों या कोई और.
VIDEO | Here is what Mamata Banerjee (@MamataOfficial ) says on India’s global outreach against terrorism sponsored by Pakistan: “The government never informed us about the delegation visit. They only informed the parliamentary party. If they would have informed us, No request… pic.twitter.com/Y1soCMKzh1
— Press Trust of India (@PTI_News) May 19, 2025
अभिषेक बनर्जी का दो टूक जवाब
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम आतंकवाद की लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ खड़े हैं, लेकिन हमारी पार्टी से कौन प्रतिनिधिमंडल में जाएगा, ये हम तय करेंगे, भाजपा नहीं.” उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के उद्देश्य से जो प्रयास किए जा रहे हैं, उसमें वे केंद्र सरकार के साथ हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भाजपा पार्टी के निर्णयों पर भी नियंत्रण रखे.
भारत की रणनीति आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना
भारत सरकार ने यह फैसला 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया था जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत POK और पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया.
अब भारत इन हमलों और पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को उजागर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का सहारा ले रहा है. इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य है कि विभिन्न देशों की सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को भारत का पक्ष समझाया जाए और पाकिस्तान की भूमिका को स्पष्ट किया जाए.