Mirwaiz Umar Farooq claims Not allowed to visit father Mohammad Farooq grave Jammu Kashmir | मीरवाइज उमर फारूक का दावा, पिता की कब्र पर नहीं पढ़ने दी फातेहा, बोले
Mirwaiz Umar Farooq News: जम्मू कश्मीर में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने बुधवार (21 मई) को दावा किया कि उन्हें अपने पिता मौलवी मोहम्मद फारूक की 35वीं बरसी पर यहां उनकी कब्र पर जाकर फातेहा पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई.
मीरवाइज उमर फारूक ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “जैसी कि उम्मीद थी कि अधिकारियों ने फिर हमें ईदगाह में फातेहा (विशेष प्रार्थना) पढ़ने और उनके पिता और हुर्रियत नेता अब्दुल गनी लोन को श्रद्धांजलि देने से रोक दिया, जिनकी 1990 में इसी दिन फारूक की एक रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी.”
‘ताजा हुईं दर्दनाक यादें’
अपने पिता मौलवी मोहम्मद फारूक को श्रद्धांजलि देते हुए मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, “21 मई आ गई है और दर्दनाक यादें ताजा हो गई हैं. अपने लोगों के लिए कायदे-ए-कश्मीर, मीरवाइज मौलवी मोहम्मद फारूक को इस दिन बंदूकधारियों ने उनसे छीन लिया था, उनके शोक मनाने वालों पर गोलियों की बौछार कर दी गई थी, जिसमें 70 लोग मारे गए थे.”
‘पिता की मौत से अभी तक खालीपन’
उन्होंने ये भी कहा, “35 साल बाद भी, उनकी हत्या से पैदा हुआ खालीपन मौजूद है, जो हर गुजरते साल के साथ और भी अधिक महसूस होता है. उनके मार्गदर्शन की बहुत कमी खलती है. उन्होंने लोगों के लिए निस्वार्थ सेवा की जो महान विरासत छोड़ी है, वह हर दिन तूफान का सामना करने के बावजूद हमें आगे ले जाने वाली प्रेरणा शक्ति और सिद्धांत दोनों रही है.”
मीरवाइज ने लिखा, “इन दोनों नेताओं की राजनीतिक दूरदर्शिता, बातचीत के जरिए कश्मीर संघर्ष के समाधान में उनका विश्वास, जिसे वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अनिश्चितता को समाप्त करने का सबसे अच्छा साधन मानते थे और क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में देखते थे, उनको एक बार फिर दुनिया ने आगे बढ़ने का रास्ता मान लिया है.”