Chhattisgarh CM Vishnu deo Sai presented self reliant Bastar vision in front of PM Narendra Modi
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नीति आयोग की 10वीं शासी परिषद की बैठक में कहा कि कभी नक्सल हिंसा का पर्याय रहा बस्तर क्षेत्र अब विकास, रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता के राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रहा है.
आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ को 2047 तक 75 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने की दूरदर्शी योजना पेश की. बयान में कहा गया कि इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को 3टी मॉडल: प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता और परिवर्तन के जरिए हासिल किया जाएगा.
मुख्यमंत्री साय ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस योजना का उद्देश्य राज्य की प्रति व्यक्ति आय को दस गुना बढ़ाना है और उनकी सरकार ने अगले पांच वर्षों में राज्य के जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. इस दीर्घकालिक विकास एजेंडे के तहत सरकार ने आर्थिक वृद्धि, सामाजिक प्रगति और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया है.
13 प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन एक अधिक तकनीक आधारित, पारदर्शी और कुशल प्रणाली को अपना रहा है, जिसमें नागरिकों को समय पर और प्रभावी ढंग से सेवा देने के लिए हर सरकारी योजना की डिजिटल रूप से निगरानी की जा रही है. राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचा, कृषि, आईटी, पर्यटन और कौशल विकास सहित 13 प्रमुख क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है. इन क्षेत्रों में प्रभावी कार्यान्वयन के लिए दस केंद्रित मिशन शुरू किए गए हैं. सीएम साय ने बस्तर के बदलाव पर जोर देते हुए कहा कि यह अब अवसरों से भरा हुआ क्षेत्र बनकर उभर रहा है.
कौशल विकास केंद्र किए गए स्थापित
मुख्यमंत्री ने बताया कि बस्तर और आसपास के 32 ब्लॉक में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां स्थानीय युवा कंप्यूटर साक्षरता, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण और तकनीकी व्यापार जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ”जो बच्चे कभी जंगलों में जलाऊ लकड़ी इकट्ठा करते थे, वे आज मशीनें चलाना और लैपटॉप चलाना सीख रहे हैं.”
बस्तर में रोजगार के अवसर होंगे पैदा
मुख्यमंत्री साय ने क्षेत्र में निवेश बढ़ने के बारे में भी बताया और कहा कि नवा रायपुर में देश की पहली सेमीकंडक्टर इकाई और एआई डेटा सेंटर की स्थापना से बस्तर और पूरे राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. सीएम ने कहा कि सरकार ने मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प लिया है.