gujarat congress leader jignesh mewani blames bjp government over atrocities on dalits and weaker section ann
Congress blames Gujarat Government: कांग्रेस ने गुजरात में दलितों व कमजोर वर्गों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. गुजरात से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा-आरएसएस के लोग बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान में विश्वास नहीं रखते, बल्कि वे मनुस्मृति के मूल्यों में यकीन रखते हैं.
मेवाणी ने याद दिलाया कि आरएसएस-भाजपा के लोग पहले भी बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को ‘समंदर में फेंकने’ और ‘हमें भारत का संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए’ जैसी बातें कह चुके हैं. इसी सोच का परिणाम है कि दिल्ली की सड़कों पर संविधान की प्रतियां जलाई गईं, रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया, हाथरस की बेटी के परिवार को उसका अंतिम दर्शन नसीब नहीं हुआ और गुजरात के ऊना में दलित युवकों को बेरहमी से पीटा गया. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से सदन में घृणा भाव से ‘अंबेडकर-अंबेडकर करना आजकल फैशन बन गया है’ कहने का भी उल्लेख किया.
कांग्रेस ने गुजरात में घटी घटनाओं का किया उल्लेख
कांग्रेस नेता ने गुजरात में घटित अनेक घटनाओं का सिलसिलेवार उल्लेख करते हुए कहा कि अमरेली में 19 साल के दलित युवक की सरेआम हत्या कर दी गई, पाटन में दलित बुजुर्ग को जिंदा जला दिया गया. सुरेंद्रनगर जिले में अत्याचार की शिकायत दर्ज कराने जा रहे दलित लड़कों पर एके-47 से गोलियां दागी गईं.
उन्होंने संतरामपुर में एक दलित लड़की के 11 दिन तक गैंगरेप का भयावह मामले का भी उजागर किया, जिसमें भाजपा के तीन नेता शामिल थे. उन्होंने बताया कि कैसे भाजपा नेताओं के नाम वाली पहली एफआईआर को पुलिस सब-इंस्पेक्टर और एएसआई ने स्टेशन डायरी के पन्नों सहित फाड़ दिया और दोषियों को केवल तीन हजार रुपये का दंड देकर छोड़ दिया गया.
दलितों पर अत्याचार के मामलों में कितने प्रतिशत दोषियों को मिलती है सजा
मेवाणी ने दलितों पर अत्याचार के मामलों में दोषियों को सजा मिलने की बेहद कम दर का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 30-35 प्रतिशत है, जबकि गुजरात में यह केवल तीन से पांच प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि 95 प्रतिशत अपराधी छूट जाते हैं.
कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार ने निष्क्रियता का लगाया आरोप
कांग्रेस नेता ने राज्य की भाजपा सरकार की निष्क्रियता पर निशाना साधा. इसके साथ राजकोट के गोंडल में एक दलित युवक के अपहरण और प्रताड़ना की घटना के बाद मुख्यमंत्री के पीड़ित से मिलने के बजाए आरोपी के कार्यक्रम में शामिल होने की कड़ी आलोचना की.
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से ऊना की घटना के बाद दिए उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था, “मारना है तो मुझे मारो, मेरे दलित भाइयों को मत मारो.” उन्होंने पूछा कि आठ साल बीत जाने के बावजूद देश के कोने-कोने में दलितों और आदिवासियों के साथ आत्याचार आखिर क्यों नहीं रुक रहा है.
GPSC में भेदभाव को लेकर बोले जिग्नेश मेवाणी
गुजरात पब्लिक सर्विस कमीशन (GPSC) को जातिवाद का अड्डा बताते हुए उन्होंने कहा कि दलित, ओबीसी और आदिवासी छात्रों के साथ भेदभाव होता है और उन्हें साक्षात्कार में जानबूझकर कम नंबर दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत वंचित समाज के एकलव्यों का अंगूठा काटा जा रहा है. मेवाणी ने कहा कि गुजरात में दलितों, आदिवासियों और कमजोर वर्गों के साथ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी अगस्त-सितंबर में एक बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रही है.