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Hardeep Singh Puri said India on verge of discovering transformational oil reserve in Andaman Sea like Guyana


कच्चे तेल के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर है. भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल दूसरे देशों से आयात करता है. भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, जिसमें अमेरिका पहले और चीन दूसरे नंबर पर है. इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कच्चे तेल के भंडार को लेकर एक बड़ा दावा किया है.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत अंडमान सागर में एक परिवर्तनकारी तेल भंडार की खोज के कगार पर है. उन्होंने इसकी तुलना गुयाना में हेस कॉर्पोरेशन और CNOOC की बड़ी खोज से की. तेल भंडार के मामले में गुयाना दुनिया में 17वें स्थान पर है, जहां अनुमानित 11.6 बिलियन बैरल तेल और गैस है.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि अगर भारत गुयाना के बराबर अंडमान सागर में तेल भंडार खोजने में सफल हो जाता है तो यह एक बड़ी सफलता होगी. दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी और हम अपने देश में ही अपनी जरूरत के हिसाब से तेल उत्पादन कर सकेंगे.

‘अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेल और गैस की खोज जारी’ 
भारत में असम, गुजरात, राजस्थान, मुंबई और कृष्णा-गोदावरी बेसिन कुछ ऐसे स्थान हैं जहां कच्चा तेल पाया जाता है. इसके अलावा विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पादुर में रणनीतिक भंडार स्थित हैं. ओडिशा और राजस्थान में नए भंडार प्रस्तावित किए गए हैं. इस बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तेल और गैस की खोज जारी है. ऑयल इंडिया और ओएनजीसी जैसी कंपनियां वहां ड्रिलिंग और सर्वेक्षण कार्य कर रही हैं.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि यह केवल समय की बात है कि हम अंडमान सागर में गुयाना जैसा बड़ा भंडार खोज लें, हमारी खोज जारी है. उन्होंने आगे कहा कि छोटी खोजों के अलावा, अगर भारत अंडमान क्षेत्र में गुयाना के बराबर तेल भंडार खोजने में सफल होता है तो देश 3.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से 20 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदल सकता है.

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