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PIB Fact Check: कई सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार की 2027 की जनगणना में जाति जनगणना शामिल नहीं है. सोमवार रात केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (PIB) ने इसे भ्रामक और गलत बताया.
PIB ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “सरकार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि 2027 की जनगणना के साथ ही जाति गणना भी की जाएगी. सतर्क रहें और ऑनलाइन प्रसारित होने वाली असत्यापित सामग्री पर विश्वास न करें. सटीक जानकारी के लिए हमेशा प्रामाणिक स्रोतों पर भरोसा करें.”
दरअसल, केंद्र सरकार ने सोमवार को जनगणना के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दी है. राजपत्र में बताया गया है कि जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से देश के बाकी हिस्सों में शुरू होगा. नोटिफिकेशन में कहा गया है, “…भारत की जनसंख्या की जनगणना साल 2027 के दौरान की जाएगी.”
नोटिफिकेशन में कही गई ये बात
नोटिफिकेशन में कहा गया है, “उक्त जनगणना के लिए संदर्भ तारीख, संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के सिवाय, मार्च 2027 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी. संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख के लिए और संघ राज्य क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के लिए संदर्भ तारीख अक्टूबर 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी.”
हाल ही में हुई एक कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना को मंजूरी दी थी, ताकि सरकार बेहतर नीतियां बना सके और लक्षित लोगों को उनका लाभ पहुंचाने में आसानी हो.
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