Basti Pari Murder Case Three Police man suspend include TI and 7 Accused arrested ann
Basti News: बस्ती में जमीन के विवाद में पुलिस के सामने ही मासूम बिटिया की हत्या ने ढेरों सवाल खड़ा कर दिया है, इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन की नींद उड़ाई है, बल्कि आम जनता के बीच सुरक्षा व्यवस्था का मुद्दा भी जन्म ले लिया हैं. ज़िले में अपराधों का ग्राफ जिस तेज़ी से बढ़ा है, उसने अब अधिकारियों को भी हरकत में ला दिया है. आलम ये है कि अब इस बढ़ते क्राइम ग्राफ़ पर नकेल कसने के लिए ख़ुद पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया है.
डीआईजी ने अब उन थानेदारों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है, जो अपराध रोकने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं. इस ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ का पहला बड़ा असर दिख भी गया है, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. एक थानेदार सहित एक दरोगा और सिपाही को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है.
थाना प्रभारी सहित दो पुलिस कर्मी सस्पेंड
हाल ही में हुए परी श्रीवास्तव हत्याकांड ने पूरे ज़िले को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना ने न केवल आम लोगों के दिल में भय पैदा किया, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए. एक मासूम बेटी की जान सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि शायद पुलिस की कथित लापरवाही ने अपराधियों को इतना खुला खेल खेलने का मौका दे दिया था कि उन्हें कानून का ज़रा भी डर नहीं रहा. सोचिए, अगर समय रहते एक्शन लिया जाता, तो शायद परी आज ज़िंदा होती. अब इस मामले में बड़ा एक्शन हुआ है. डीआईजी की सख़्ती के बाद, पैकोलिया थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव सहित दो अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
डीआईजी के निर्देश पर SP ने की कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक (SP) अभिनंदन ने तत्काल प्रभाव से पैकोलिया थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा लापरवाही बरतने के आरोप में उप-निरीक्षक (दरोगा) रमेश कुमार और कांस्टेबल देवनाथ यादव को भी सस्पेंड किया गया है. बताया जा रहा है कि डीआईजी ने आज ही एसपी को इन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे.
डीआईजी संजीव त्यागी ने मृतका परी श्रीवास्तव के घायल परिजनों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की साथ ही आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया.इस जघन्य हत्याकांड में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 11 में से मुख्य आरोपी सहित कुल 7 हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
आरोपियों पर NSA की कार्रवाई की मांग
वहीं, दिवंगत परी को न्याय दिलाने और परिवार को ढांढस बंधाने के लिए कई सामाजिक और राजनीतिक संगठन भी आगे आए हैं. ये संगठन लगातार आंदोलन कर रहे हैं और पकड़े गए आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने की मांग कर रहे हैं. रासुका की मांग जायज़ भी लगती है, क्योंकि ऐसे जघन्य अपराधों में शामिल दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलना बेहद ज़रूरी है, ताकि भविष्य में कोई और अपराधी ऐसी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे.
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