Aaditya Thackeray Reaction on Bakrid controversy Said Interference of governments in festivals is not right
Aditya Thackeray On Bakrid: 7 जून को देशभर में बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा, लेकिन उससे पहले इस पर सियासी बयानबाजी तेज है. बकरीद को लेकर हो रहे विवादों पर अब शिवसेना (UBT) के विधायक आदित्य ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने इस मामले में तीखा रुख अपनाते हुए कहा है कि हर त्योहार के समय सरकारों द्वारा कुछ न कुछ बचाने की अपील क्यों की जाती है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “मुझे लगता है हर एक त्योहार पर ये बचाओ, वो बचाओ क्यों होना चाहिए, त्योहार आप मनाते हो मनाइए.”
ये सरकार का काम नहीं है- आदित्य ठाकरे
उन्होंने कहा, “मैं भी पर्यावरण प्रेमी हूं, लेकिन कभी पानी बचाओ, कभी रंग बचाओ, अब ये बचाओ, सांस तो लेने दीजिए न. त्योहार आप मनाइए, ये सरकारों का काम नहीं होता. सरकार का असली काम है आत्महत्या कर रहे किसानों की मदद करना, बारिश का पानी अगर घर में घुस रहा है तो उसकी जांच करना और जो 4 पाकिस्तानी आतंकवादी आए थे, उन्हें ढूंढना. त्योहारों में दखल देना सरकारों का काम नहीं है.”
#WATCH | Mumbai: On controversial statements being made for #Bakrid, Shiv Sena (UBT) MLA Aaditya Thackeray says, “Why should calls be made to save this or save that in every festival? Celebrate festivals. It is always save water, save colour, save this and save that. Let people… pic.twitter.com/QcnAx67COk
— ANI (@ANI) June 3, 2025
गौसेवा आयोग के निर्देश के बाद से बढ़ा मामला
बकरीद को लेकर महाराष्ट्र गौसेवा आयोग के निर्देशों से यह मुद्दा गरमा गया है. आयोग ने 3 से 8 जून तक प्रदेश में पशु बाजारों को बंद रखने के निर्देश जारी किए, जिससे खासकर ग्रामीण इलाकों में असंतोष फैल गया. इस फैसले के खिलाफ कई राजनीतिक दलों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आपत्ति दर्ज कराई.
देशभर में 7 जून को बकरीद का पर्व मनाया जाएगा और उससे पहले बाजारों के बंद होने की घोषणा ने पशुपालकों और किसानों को चिंता में डाल दिया. विपक्षी दलों का कहना है कि किसान महीनों तक पशुओं की देखभाल इस त्योहार के लिए करते हैं और ऐसे में अचानक उसी समय के लिए बाजार बंद करने का फैसला उनके लिए आर्थिक संकट पैदा कर सकता है.
बता दें कि फिलहाल महाराष्ट्र गौसेवा आयोग के निर्देशों को वापस ले लिया गया है.