AAP MP Raghav Chadha Invited to Address Ideas for India Conference 2025 to Discuss on Future of India
Raghav Chadha in Ideas for India Conference 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद राघव चड्ढा को प्रतिष्ठित ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया गया है. यूके के फेमस थिंक टैंक ‘ब्रिज इंडिया’ द्वारा 30 मई 2025 को रॉयल लैंकेस्टर लंदन में आयोजित की जाएगी. यह कॉन्फ्रेंस इंडिया वीक का प्रमुख हिस्सा है.
इस कॉन्फ्रेंस में सांसद राघव चड्ढा बतौर स्पीकर शामिल होंगे. इस अहम कॉन्फ्रेंस में भारत के आर्थिक विकास और दुनिया में उसकी भूमिका पर गहरी चर्चा होगी. इसमें कई पॉलिसी मेकर्स और भारत के प्रतिष्ठित बिजनेसमैन शामिल होंगे.
‘सम्मानित महसूस कर रहा हूं’- राघव चड्ढा
आप सांसद राघव चड्ढा लंदन में हो रही इस कॉन्फ्रेंस में एक खास चर्चा में हिस्सा लेंगे, जिसका नाम है “भारत एक बहुध्रुवीय दुनिया में” (India in a Multipolar World). इस चर्चा में वे भारत की रणनीतिक आजादी, दुनिया में बढ़ते प्रभाव और भारत की ग्लोबल नॉर्थ और साउथ के बीच एक पुल यानी ब्रिज की भूमिका पर अपने विचार साझा करेंगे.
साथ ही, वे भारत की हाल की उपलब्धियों, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के अलावा डिफेंस और डिप्लोमेसी में मिली सफलताओं के अलावा तकनीक व युवा नेतृत्व के योगदान पर भी बात करेंगे.
‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस के आमंत्रण पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “मैं ब्रिज इंडिया और इंडिया वीक 2025 का हिस्सा बनकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं. ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस भारत के भविष्य को आकार देने का एक शानदार मंच है. मुझे खुशी होगी कि मैं इस आयोजन में अपने विचार साझा कर सकूं और भारत के विकास और उसकी वैश्विक भूमिका पर अपने विचार साझा करने के लिए उत्साहित हूं.”
आप सांसद ने कहा, “दुनिया की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक हालात बदल रहे हैं, और भारत विकास के एक बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है. जब बाकी देश व्यापार और सप्लाई चेन को मजबूत करने के बारे में सोच रहे हैं, तब भारत और ब्रिटेन के पास अपने रिश्तों को और बेहतर करने का यह शानदार मौका है.
खासकर यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत का यह सही समय है. उन्होंने कहा, मैं ‘आइडियाज फॉर इंडिया 2025’ में अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर यह देखने के लिए उत्साहित हूं कि हम भारत के विकास के अगले कदम को कैसे बेहतर बना सकते हैं.”
पूर्व में कई दिग्गज कर चुके हैं संबोधित
यूके के मशहूर थिंक टैंक ब्रिज इंडिया की तरफ से हर साल आयोजित होने वाली कॉन्फ्रेंस इंडिया वीक में 1,100 से ज्यादा लोग शामिल होते हैं. जिनमें नीति निर्माता, उद्योगपति, इनवेस्टर्स, एकेडमिक्स और भारतीय मूल के लोग होते हैं. वहीं, पिछले कई सालों के दौरान इस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े दिग्गज और जानी-मानी हस्तियां शामिल हो चुकी हैं.
इनमें ब्रिटेन की डिप्टी प्राइम मिनिस्टर एंजेला रेनर, भारत के पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, शेल के पूर्व चेयरमैन लॉर्ड जॉन ब्राउन के अलावा यूके हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य और हाउस ऑफ लॉर्ड्स शामिल रहे हैं.
भारत के भविष्य पर चर्चा
आइडियाज फॉर इंडिया कॉन्फ्रेंस भारत के अगले दशक के विकास के लिए नए व्यापार, निवेश और नीतिगत विचारों को बढ़ावा देती है. इस बार कॉन्फ्रेंस का फोकस भारत में नए व्यापार और निवेश के मौकों पर होगा. भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. इस कॉन्फ्रेंस में विदेशी निवेशकों को बताया जाएगा कि भारत में निवेश करने के कितने बड़े मौके हैं. भारत एक बड़ा बाजार है, जहां कारोबार की बहुत संभावनाएं हैं.
लेकिन इसके साथ ही, भारत के सामने कई चुनौतियां भी हैं. जैसे कि आर्थिक विकास में रुकावटें, गरीबी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी. इस कॉन्फ्रेंस में इन समस्याओं पर भी खुलकर बात होगी. ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस का असल मकसद होता है कि इस आयोजन के जरिए भारत के लिए नए विचार सामने आएं, जो देश के विकास में मदद करें.
एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस का बने थे हिस्सा
बता दें कि इससे पहले इसी महीने आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में आयोजित “पूर्व का दावोस” नाम से मशहूर प्रतिष्ठित एशियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस 2025 में में मुख्य वक्ता के तौर पर भी आमंत्रित किया गया था. जहां उन्होंने पहलगाम में हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमले की ग्लोबल मंच पर कड़ी निंदा की थी.
साथ ही, ऑपरेशन सिंदूर को सही ठहराते हुए भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ की थी. सांसद राघव चड्ढा ने कहा था कि भारत अब आतंकवादी हमलों पर केवल दुख व्यक्त नहीं करता, बल्कि अब वह सटीक और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के जरिए जवाब भी देता है.
उन्होंने कहा था कि भारत अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की भूमि से आता है, लेकिन साथ ही इस भूमि पर जहां भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारी भी पैदा हुए हैं. उन्होंने कहा था, “हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन आतंकवाद का समर्थन करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा.