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Ahmedabad Air India Plane Crash: ड्रीमलाइनर विमान हादसे पर civil aviation सुरक्षा ब्यूरो के पूर्व राष्ट्रीय आयुक्त शारदा प्रसाद ने अपनी राय साझा की है. उन्होंने कहा कि यह ड्रीमलाइनर कैटेगरी का एक बेहतरीन और बड़ा विमान था, जो एक साथ कई यात्रियों को लेकर उड़ान भर सकता है. ऐसे विमानों को उड़ाने के लिए बेहद अनुभवी और क्वालिफाइड पायलट्स की नियुक्ति होती है.

‘विमान को नहीं मिल पाई होगी सही ऊंचाई’

हादसे को लेकर उन्होंने कहा कि इस समय यह बताना मुश्किल है कि गलती कहां हुई, लेकिन जो शुरुआती जानकारी मिल रही है, उससे यह कहा जा सकता है कि टेक-ऑफ के दौरान ही विमान को सही ऊंचाई नहीं मिल पाई होगी. पायलट को तभी महसूस हुआ होगा कि कोई तकनीकी खराबी है इसलिए उसने ‘Mayday’ सिग्नल भेजा, जो कि इमरजेंसी की स्थिति में भेजा जाता है. एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं आया और कुछ ही सेकंड में विमान नीचे गिर गया और बिल्डिंग से टकरा गया.

‘यह हादसा पक्षी के टकरान की वजह से नहीं लगता’

शारदा प्रसाद ने कहा कि यह हादसा पक्षी के टकरान की वजह से नहीं लगता, क्योंकि ड्रीमलाइनर जैसे बड़े विमान में कई इंजन होते हैं और एक इंजन खराब होने से भी विमान उड़ सकता है. साथ ही टेक ऑफ से पहले विमान में compressed air, विस्फोटक और धारदार वस्तुओं की भी गहन जांच की जाती है.

उन्होंने कहा, “थ्रस्ट यानी वह दबाव जिसकी वजह से विमान ऊपर उठता है, वह शायद पर्याप्त नहीं बना. टेक ऑफ के समय तापमान भी बड़ा कारक होता है. अगर एयरपोर्ट का तापमान बहुत अधिक हो तो गर्म हवा के कारण थ्रस्ट ज्यादा लगाना पड़ता है. हो सकता है कि हादसे के समय तापमान ज़्यादा रहा हो, और थ्रस्ट उतना जेनरेट न हो पाया हो जितना जरूरी था.”

‘तापमान या थ्रस्ट रीडिंग पढ़ने में हो सकती है कोई गलती’

शारदा प्रसाद ने आशंका जताई कि लोड, तापमान या थ्रस्ट रीडिंग पढ़ने में कोई गलती हुई हो सकती है. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि ऐसा आमतौर पर नहीं होता और ये जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि ब्लैक बॉक्स की जांच से यह साफ होगा कि उस समय कितना थ्रस्ट लगाया गया था और रीडिंग्स क्या थीं.

उन्होंने यह भी बताया कि टेक ऑफ के समय पायलट और को-पायलट दोनों अपनी सीटों पर होते हैं और अगर  किसी एक से चूक हुई तो दूसरे से भी हुई, यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी. पहले भी एयर इंडिया का एम्परर अशोक विमान टेक ऑफ के बाद समुद्र में गिर गया था, जिसमें तकनीकी खराबी की बात सामने आई थी. शारदा प्रसाद ने कहा कि लैंडिंग के समय हादसे ज्यादा होते हैं, टेक-ऑफ के दौरान ऐसा कम ही देखा गया है.

’12 साल पुराना विमान होना कोई बड़ी बात नहीं’

उन्होंने कहा, “12 साल पुराना विमान होना कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसे विमानों की नियमित जांच देश और विदेश में होती रहती है और जांच में पास होने के बाद ही उन्हें उड़ान की अनुमति मिलती है. एयर इंडिया के पायलट्स की तारीफ करते हुए पूर्व एविएशन कमिश्नर कहते हैं कि वे बहुत अनुभवी होते हैं, उनसे गलती की संभावना बेहद कम होती है.

(नोट: यह बयान किसी ड्रीमलाइनर विमान हादसे पर विशेषज्ञ राय के रूप में सामने आया है। वास्तविक कारणों की पुष्टि आधिकारिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगी.)



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