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Air India Plane Crash Latest Updates: अहमदाबाद सिविल अस्पताल के प्राधिकारियों ने गुरुवार (12 जून) को एअर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए 11 लोगों के शवों की डीएनए जांच के जरिए पहचान कर ली है और उन्हें उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने शनिवार (14 जून) को दी.
सरकारी बीजे मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. रजनीश पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक शव शनिवार (14 जून) को उसके परिवार को सौंप दिया गया, जबकि अन्य दो शव दिन के अंत तक सौंपने की बात कही गई थी.
उन्होंने कहा, “अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मारे गए लोगों के अब तक 11 शवों के डीएनए का मिलान उनके परिजनों से हो चुका है. डीएनए मिलान होते ही सिविल अस्पताल परिवारों से संपर्क करेगा और उन्हें अस्पताल आने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.”
आठ लोगों के शवों पर परिजनों को पहले ही सौंप दिया गया
अधिकारियों ने पहले कहा था कि जिन आठ शवों की पहचान उनके रिश्तेदारों ने कर ली थी और जिनके डीएनए की जांच की जरूरत नहीं है, उन्हें पहले ही उनके परिवारों को सौंप दिया गया है.
अब तक मिल चुके हैं 270 लोगों के शव
चिकित्सकों ने शनिवार (14 जून) को कहा कि विमान दुर्घटना स्थल से अब तक करीब 270 शव अस्पताल लाए जा चुके हैं. डॉ. पटेल ने कहा कि एअर इंडिया की दुर्घटनाग्रस्त हुई फ्लाइट में सवार 242 यात्रियों और क्रू सदस्यों में से एकमात्र जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश की हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि दुर्घटना के अधिकतर घायलों को छुट्टी दे दी गई है और एक या दो की हालत गंभीर बनी हुई है.
सावधानीपूर्वक की जानी चाहिए डीएनए मिलान की प्रक्रिया- डॉ. पटेल
डॉ. पटेल ने कहा, “डीएनए मिलान की प्रक्रिया सावधानीपूर्वक की जानी चाहिए. इसके कानूनी और चिकित्सा संबंधी निहितार्थ हैं, इसलिए इसमें कोई जल्दबाजी नहीं की जा सकती.” वहीं, डीएनए मिलान प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शनिवार (14 जून) को राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) के अधिकारियों के साथ बैठक की.
उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अलावा, केंद्र की ओर से भेजे गए कई विशेषज्ञ डीएनए नमूनों के मिलान के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं. जैसे ही नतीजे आते हैं, हम उन्हें सिविल अस्पताल भेज देते हैं, ताकि शव परिवारों को सौंपे जा सकें.’’
दुर्घटना में मरने वालों में गुजरात के 18 जिलों के नागरिक शामिल
गुजरात के राहत आयुक्त और राजस्व सचिव आलोक पांडे ने कहा कि हादसे में मारे गए लोगों में गुजरात के 18 जिलों के नागरिक भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि परिवारों से समन्वय के लिए 230 टीम बनाई गई हैं और इस त्रासदी में मारे गए 11 विदेशी नागरिकों के परिजन से भी संपर्क किया गया है.
जबकि पोस्टमॉर्टम कक्ष संबंधी मामलों को संभाल रहे पुलिस निरीक्षक चिराग गोसाई ने कहा, “शुक्रवार (13 जून) तक लगभग 220 मृतकों के रिश्तेदारों ने अपने नमूने देने के लिए पुलिस से संपर्क किया. जिनके नमूनों को बीजे मेडिकल कॉलेज भेजा गया है.”
केंद्र सरकार ने विमान दुर्घटना के जांच के लिए समिति का किया गठन
केंद्र सरकार ने विमान दुर्घटना के मूल कारण का पता लगाने और यांत्रिक विफलता, मानवीय भूल और नियामक अनुपालन सहित अन्य कारकों का आकलन करने के लिए शनिवार (14 जून) को एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति गठित की है. केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली समिति को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली केंद्रीय समिति भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुधारों की सिफारिश करेगी और उपयुक्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करेगी. इसमें कहा गया कि एसओपी में ऐसी घटनाओं को रोकने और उनसे निपटने के लिए सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय चलन भी शामिल होंगे और इसकी पहली बैठक सोमवार (16 जून, 2025) को होगी.
केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में कौन-कौन शामिल?
समिति के लिए 13 जून को जारी आदेश में कहा गया कि केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता वाली इस समिति में नागरिक उड्डयन सचिव और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सदस्य हैं. गुजरात गृह विभाग, गुजरात आपदा प्रतिक्रिया प्राधिकरण, अहमदाबाद पुलिस आयुक्त, IAF के निरीक्षण और सुरक्षा महानिदेशक, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के महानिदेशक और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के प्रतिनिधि भी समिति में शामिल हैं.
आदेश के मुताबिक, अन्य सदस्यों में खुफिया ब्यूरो के विशेष निदेशक और फोरेंसिक विज्ञान सेवा निदेशालय के निदेशक भी शामिल हैं.
छात्रावास भवन की छत से बरामद हुआ डीएफडीआर- राममोहन नायडू
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि ब्लैक बॉक्स की जांच से पता लगेगा कि त्रासदी से कुछ क्षण पहले क्या हुआ था. डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर), जिसे आमतौर पर ब्लैक बॉक्स के रूप में जाना जाता है, शुक्रवार को दुर्घटना स्थल पर छात्रावास भवन की छत से बरामद किया गया था. लेकिन, अब तक एक और ब्लैक बॉक्स- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीबीआर) की बरामदगी के बारे में कोई जानकारी नहीं है.