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AIMIM नेता शोएब जमई ने सोशल मीडिया पर शेयर की ये दो तस्वीरें, लिखा- ‘यह भारत के मुसलमान की…’


AIMIM Leader Shoaib Jamai: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में रक्षा अलंकरण समारोह 2025 के प्रथम चरण के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/संघ शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को चार मरणोपरांत सहित छह कीर्ति चक्र और सात मरणोपरांत सहित 33 शौर्य चक्र प्रदान किए. राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष पुलिस अधिकारी अब्दुल लतीफ को शौर्य चक्र से सम्मानित किया.

वहीं आर्टिलरी रेजिमेंट 28 राष्ट्रीय राइफल्स के नायक दिलवर खान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हिमायूं मुजम्मिल भट को भी मरणोपरांत भारत का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार प्रदान किया गया.

इसे लेकर दिल्ली एआईएमआईएम अध्यक्ष शोएब जमई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया है. पोस्ट में उन्होंने अब्दुल लतीफ के साथ ही दिलवर खान की मां और पत्नी की राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार लेते हुए तस्वीर शेयर कर लिखा, “यह दो तस्वीर भारत के मुसलमान की देश के प्रति कर्तव्य निष्ठा ईमानदारी और सर्वोच्च बलिदान का असली सर्टिफिकेट है.”

शोएब जमई ने पोस्ट में आगे लिखा, “क्या आपको पता है कि आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई जम्मू कश्मीर में मौजूद 70,000 से ज्यादा मुस्लिम पुलिसकर्मी लड़ रहे हैं. अफसोस है कि आज भी उनको शक की निगाहों से देखा जाता है.

कीर्ति चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार

गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कर्मियों को अदम्य साहस और असाधारण वीरता दिखाने के लिए बृहस्पतिवार को छह कीर्ति चक्र प्रदान किए, जिनमें से चार को मरणोपरांत दिए गए हैं. कीर्ति चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है.

सरकार की ओर से साझा की गई पुरस्कार विजेताओं की सूची के अनुसार, ‘सिख लाइट इन्फैंट्री’ के कर्नल मनप्रीत सिंह, राष्ट्रीय राइफल्स के दो अन्य सैन्य कर्मियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी को मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को  33 शौर्य चक्र भी प्रदान किए, जिनमें से सात को मरणोपरांत दिए गए हैं.





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