AIMIM Asaduddin Owaisi said I hope modi government will definitely debate on Pahalgam attack in monsoon session of Parliament
Owaisi on Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर ग्लोबल आउटरीच पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के तेलंगाना में कहा कि हमने विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. ये सभी देश इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सदस्य हैं, अन्य 3 देश खाड़ी सहयोग परिषद के सदस्य हैं. हमने उनसे अनुरोध किया और उन्हें समझाया कि पाकिस्तान कई वर्षों से भारत में आतंकवाद में लिप्त रहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में ओवैसी ने बताया कि हमने वहां पहलगाम हमले पर ध्यान केंद्रित किया, हमने विदेश में बताया कि यह TRF 22 अप्रैल को नहीं बना है. भारत ने पहले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में कहा था कि यह LeT का नया नाम है. हम सभी ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है कि हम देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं और अलग-अलग धर्मों का पालन करते हैं.
हमने पाकिस्तान की सच्चाई सऊदी को बताई- ओवैसी
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब में हमने बताया कि 2022 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 2 बिलियन डॉलर दिए और हाल ही में 30 मिलियन डॉलर का लोन रिन्यू किया है. IMF 2 बिलियन डॉलर दे रहा है. हमने उनसे अनुरोध किया था और उन्हें समझाया कि इन सभी फंडों की निगरानी कैसे होगी, क्योंकि यह पैसा पाकिस्तानी सेना को जा रहा है. इस पैसे का इस्तेमाल पाकिस्तान के लोगों के विकास के लिए नहीं किया जा रहा है. उम्मीद है कि अब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस लाना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है.
राहुल गांधी के बयान पर ओवैसी ने क्या कहा?
राहुल गांधी के बयान पर कहा कि बीजेपी उन्हें जवाब देने में सक्षम है, लेकिन गोलाबारी बंद होने के बाद मेरी शुरुआती प्रतिक्रिया यह थी कि हमारी सरकार को यह घोषणा करनी चाहिए थी न कि अमेरिकी राष्ट्रपति को क्योंकि वह हमारे देश के राजनीतिक प्रमुख नहीं हैं. यही मेरा रुख रहा है. मुझे अपने रक्षा बलों पर गर्व है उन्होंने जो किया है.
‘पहलगाम घटना के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए’
संसद सत्र पर कहा कि मुझे उम्मीद है कि संसद के आगामी मानसून सत्र में सरकार पहलगाम पर बहस जरूर करेगी. हमें पहलगाम घटना के लिए जवाबदेही तय करनी चाहिए. अगर मोदी सरकार कल कहती है कि यह बहुत संवेदनशील मुद्दा है और इस पर बहस नहीं हो सकती तो संसद के नियम और प्रक्रिया सरकार को इस विषय पर चर्चा करने की अनुमति देते हैं.
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