aimim chief asaduddin owaisi fierced at union government over waqf amendment act Pahalgam Terror Attack in maharashtra ann
AIMIM Chief Asaduddin Owaisi : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की ओर से वक्फ कानून में किए गए संशोधनों के खिलाफ आज यानी रविवार (27 अप्रैल) को महाराष्ट्र के परभणी जिले में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. इस सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन के जरिए असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और वक्फ कानून के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अगर महाराष्ट्र को बचाने के लिए दो भाई (ठाकरे बंधु) एक हो सकते हैं तो हमें भी एकजुट होना पड़ेगा.” उन्होंने ठाकरे बंधुओं के एक होने पर टिप्पणी करते हुए मुस्लिम समाज से भी एकजुट होने की अपील की. अपने भाषण में ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चंद्रबाबू नायडू, अजित पवार, नीतीश कुमार और जयंत चौधरी पर भी जमकर निशाना साधा.
ओवैसी ने वक्फ संशोधन कानून का बताया ‘काला कानून’
ओवैसी ने वक्फ बोर्ड को लेकर बनाए गए कानून को “काला कानून” करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार को यह कानून वापस लेना ही होगा. उन्होंने कहा, “अगर आप आज नहीं बोले तो कल नुकसान आपका ही होगा.”
ओवैसी ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
सम्मेलन के दौरान ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए भारतीयों को श्रद्धांजलि अर्पित की और प्रधानमंत्री मोदी से पाकिस्तान की आर्थिक नाकेबंदी करने की मांग की. ओवैसी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, “हमारे देश की सेना का जितना बजट है, उतना तो तुम्हारे पूरे देश का बजट है. तुम हमें धमकी नहीं दे सकते. कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है.”
उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैलाने की साजिश रची जा रही है, जबकि हमें एकजुट रहना चाहिए. पाकिस्तान, ISIS और LET जैसे आतंकी संगठनों की मंशा है कि भारत में हिंदू-मुसलमानों के बीच दंगे हों, लेकिन हमें उनकी इस साजिश को नाकाम करना है.
ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने पर टिप्पणी
इस बीच, महाराष्ट्र में शिवसेना और मनसे के एक साथ आने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. राज ठाकरे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि महाराष्ट्र बड़ा है और उनके और उद्धव ठाकरे के बीच का विवाद नगण्य है. वहीं, उद्धव ठाकरे ने भी अपने एक भाषण में इस पर सकारात्मक संकेत देते हुए कुछ शर्तें रखी थीं. इसके बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं की ओर से मनसे-शिवसेना के एकजुट होने के समर्थन में बैनर लगाए जा रहे हैं.