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Aligarh News: अलीगढ़ में रामनवमी के मौके पर अति संवेदनशील इलाकों में शुमार अब्दुल करीम चौराहे से होकर निकाली गई रामनवमी की शोभायात्रा पर अब विवाद खड़ा हो गया है. जहां एक ओर स्थानीय लोगों के द्वारा इस यात्रा के रूट डायवर्ट पर सवाल खड़े किए थे तो वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अदनान हमीद के द्वारा भी आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
अदनान हमीद ने आरोप लगाया था मस्जिद के बाहर खड़े होकर आतिशबाजी की गई. साथ ही कुछ लोगों के द्वारा उत्पात फैलाने की कोशिश भी की गई. पूर्व मेयर शकुंतला भारती पर केस दर्ज कर पुलिस कार्रवाई कर रही है.
दरअसल पूरा मामला अलीगढ़ का है यहां 45 वर्ष बाद आयोजकों के द्वारा रूठ डायवर्ट करते हुए रामनवमी के अवसर पर निकाली गई. लेकिन काली मेला शोभा यात्रा इस बार विवादों के घेरे में आ गई है. भारतीय जनता पार्टी की पूर्व महापौर एवं दुर्गा महारानी मंदिर सेवा समिति की मुख्य संरक्षक शकुंतला भारती और समिति के कुछ अन्य वरिष्ठ सदस्यों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि उन्होंने शोभा यात्रा के परंपरागत मार्ग को बदलते हुए शहर के संवेदनशील इलाकों से जुलूस निकालने की कोशिश की, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति को खतरा उत्पन्न हो गया.
पुलिस अनुमति के बिना निकाली गई शोभायात्रा
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह मामला दिल्ली गेट थाना क्षेत्र का है, जहां थाना प्रभारी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि जुलूस के मार्ग में बिना अनुमति के बदलाव किया गया और जुलूस को ऐसे मार्ग पर ले जाया गया जो संवेदनशील माना जाता है. दर्ज किए मुकदमे के अनुसार पुलिस ने हवाला दिया है, “रामनवमी की शोभा यात्रा का मार्ग प्रशासन और समिति के बीच परस्पर सहमति से पहले ही तय कर लिया गया था. यह मार्ग वर्षों से पारंपरिक रूप से अपनाया जा रहा है और इसके पीछे सुरक्षा कारण भी हैं. कोई भी व्यक्ति या समूह अगर इस निर्धारित मार्ग से हटने की कोशिश करता है, तो यह गंभीर उल्लंघन माना जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.”
शोभा यात्रा के मार्ग में बदलाव के लिए आयोजकों की ओर से जो सफाई दी गई है, वह भी सामने आई है. पूर्व मेयर शकुंतला भारती ने इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि समिति ने पहले ही प्रशासन को इस बदलाव की जानकारी दे दी थी. उन्होंने दावा किया, “हमने इस बार शोभा यात्रा के मार्ग में बदलाव को लेकर प्रशासन को लिखित रूप में अवगत कराया था. यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था.”
हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में कोई आधिकारिक अनुमति नहीं दी गई थी. उनका कहना है कि “सूचना देना और अनुमति लेना ये दोनों अलग बातें हैं. किसी भी प्रकार के जुलूस या सार्वजनिक आयोजन के लिए अनुमति लेना आवश्यक होता है, केवल सूचित कर देना पर्याप्त नहीं है.”
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
स्थानीय निवासियों ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है ‘हमें किसी भी धार्मिक जुलूस से आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर जुलूस का उद्देश्य उकसाना हो, तो वह गलत है. प्रशासन को चाहिए कि ऐसे आयोजनों की सख्त निगरानी रखे.’
पुलिस ने इस प्रकरण में शकुंतला भारती समेत समिति के अन्य सदस्यों के खिलाफ दंगा भड़काने की आशंका, सरकारी आदेश की अवहेलना और सार्वजनिक शांति भंग करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पूरे मामले पर थाना दिल्ली गेट के इंचार्ज रामेंद्र सिंह ने बताया कि निर्धारित रूठ से ना होकर अलग रूठ से यात्रा निकालने पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
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