Ambadas Danve targets Maharashtra government on rating through Pragati Pustak on 1 may ANN
Ambadas Danve: महाराष्ट्र दिवस पर 1 मई को राज्य सरकार ने ‘प्रगति पुस्तक’ के रूप में खुद की उपलब्धियों की रेटिंग जारी की. इस पर विधान परिषद में विरोधी नेता अंबादास दानवे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सरकार खुद परीक्षा ले रही है, खुद नंबर दे रही है और खुद ही पास-फेल का फैसला भी कर रही है. यह लोकतंत्र का मजाक है.
अंबादास दानवे ने सवाल उठाया कि अप्रैल में भी इसी तरह के अंक घोषित किए गए थे, अब एक महीने में ऐसा क्या चमत्कार हुआ कि नए नंबर जारी करने पड़े? उन्होंने आरोप लगाया कि पालघर के पुलिस अधीक्षक, जिन्हें नंबर एक रैंक दी गई है, वहीं अधिकारी हैं जिन्होंने विधायकों को गुजरात भेजने में भूमिका निभाई थी. वहीं, गुटखा और ड्रग्स की तस्करी पर कोई कार्रवाई न करने के बावजूद उन्हें पुरस्कार दिया गया.
परिवहन विभाग को 5वां स्थान दिया गया जबकि एसटी कर्मचारियों को 50% की जगह सिर्फ 40% वेतनवृद्धि मिली. कृषि विभाग को टॉप 5 में जगह दी गई जबकि फसल बीमा योजना भ्रष्टाचार के कारण बंद कर दी गई और केवल मराठवाड़ा में 289 किसानों ने आत्महत्या की.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गृह विभाग की स्थिति भी गंभीर है – बीड, परभणी, स्वारगेट जैसी घटनाएं, केंद्रीय मंत्री की बेटी के साथ छेड़छाड़ जैसी वारदातें इसकी गवाह हैं. राज्य में आत्महत्या की घटनाएं 32% बढ़ी हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग की ‘लाडकी बहिन योजना’ से 8 लाख महिलाएं वंचित रह गईं. वादा किया गया था कि 2100 रुपये मिलेंगे, लेकिन आज तक नहीं मिले.
अंबादास दानवे ने आरोप लगाते हुए कहा कि जलजीवन मिशन योजना असफल रही और प्यास से वेदिका चव्हाण की मृत्यु हो गई. सरकार का ‘व्हिजन महाराष्ट्र’ कार्यक्रम भी लागू नहीं हुआ.
दानवे ने कहा कि जिन मंत्रियों पर गंभीर आरोप हैं, राधाकृष्ण विखे पाटील, जयकुमार गोरे, जयकुमार रावल, माणिकराव कोकाटे, इनके नाम इस रेटिंग से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए छुपाए गए हैं.
उन्होंने सवाल किया – क्या छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने वालों पर कोई कार्रवाई हुई? क्या आशा और आंगनवाड़ी सेविकाओं की मांगों पर ध्यान दिया गया? जनता से ही असली रेटिंग मिलेगी. यही असली परीक्षा होगी.
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